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'बॉम्बे कर्नाटक' में चलेगा BJP का जादू या कांग्रेस दोहराएगी इतिहास?

कर्नाटक की कुल 224 विधानसभा सीटों में से बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र के तहत 50 सीटें आती हैं. बॉम्बे कर्नाटक के क्षेत्र में हावेरी, धारवाड़, बेलगाम, बीजापुर, हुबली, बागलकोट और गदग जिले आते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को इस क्षेत्र के जातिगत समीकरणों से बड़ी उम्मीदें हैं.

सिद्धारमैया और येदियुरप्पा सिद्धारमैया और येदियुरप्पा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का प्रचार जारी है और बीजेपी, कांग्रेस, जेडीएस सहित तमाम पार्टियां ज्यादा से ज्यादा वोटरों को अपनी ओर लुभाने में जुटी हैं. हालांकि अगर पिछले चुनावों के आंकड़े देखे जाएं तो पता चलता है कि राज्य में वोटिंग का कोई खास पैटर्न नहीं है और न ही किसी एक पार्टी का पूरे राज्य में एकछत्र राज है. राजनीतिक पार्टियों का यहां अलग-अलग वोट बैंक और प्रभाव क्षेत्र है. ऐसा ही एक क्षेत्र बॉम्बे कर्नाटक है. इस इलाके में कांग्रेस जहां अपना पुराना रिकॉर्ड कायम रखना चाहती है,  वहीं बीजेपी 2008 के नतीजे दोहराने को बेताब है.

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कर्नाटक की कुल 224 विधानसभा सीटों में से बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र के तहत 50 सीटें आती हैं. बॉम्बे कर्नाटक के क्षेत्र में हावेरी, धारवाड़, बेलगाम, बीजापुर, हुबली, बागलकोट और गदग जिले आते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को इस क्षेत्र के जातिगत समीकरणों से बड़ी उम्मीदें हैं.

बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक लिंगायत समुदाय के वोट अपनी ओर करने के लिए कांग्रेस ने उनकी अलग धर्म के दर्जे की मांग मानकर बड़ा गेम खेला है. जबकि बीजेपी ने लिंगायतों को साधने के लिए बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है. इसके अलावा दलित मतों पर दोनों पार्टियां बराबर की दावेदारी कर रही हैं. हालांकि पिछले चुनाव में दलितों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया था.

2013 के विधानसभा चुनाव में बॉम्बे कर्नाटक के तहत आने वाली 50 सीटों में से कांग्रेस ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी ने 15 और जेडीएस के खाते में महज एक सीट आई थी. इसके अलावा अन्य को 4 सीटें मिली थीं. वोट प्रतिशत के लिहाज से देखें तो इस क्षेत्र में कांग्रेस को 38 फीसदी, बीजेपी को 27 फीसदी, जेडीएस को 11 फीसदी और अन्य को 10 फीसदी वोट मिले थे.

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एक साल के बाद ही 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र का समीकरण पूरी तरह से बदल गया. बीजेपी 51 प्रतिशत मतों के साथ नंबर एक पर रही. जबकि कांग्रेस को यहां से 43 प्रतिशत वोट मिले. हालांकि इसका एक बड़ा कारण ये रहा कि विधानसभा चुनाव में जहां येदियुरप्पा अलग पार्टी बनाकर लड़ रहे थे जबकि लोकसभा चुनाव में वे बीजेपी में वापसी कर चुके थे.

2014 के लोकसभा चुनावों की मतदान प्रवृत्ति को देखें तो बीजेपी 39 विधानसभा सीटों पर नंबर एक पर रही. जबकि कांग्रेस 11 पर आगे रही. बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह से कांग्रेस विरोधी रुझान की उम्मीद पाले हुए है और इस क्षेत्र में कमल खिलाने की जुगत में है.

कर्नाटक से बीजेपी के तीन दिग्गज इसी क्षेत्र से आते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर हुबली से विधायक हैं. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी धारवाड़ के रहने वाले हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रमेश जिगजिगानी बीजापुर से ताल्लुक रखते हैं.

बीजेपी को लगता है कि 2008 की तरह लिंगायत वोटरों पर एकछत्र राज करने वाले येदियुरप्पा का जादू फिर से चलेगा. पार्टी मान कर चल रही है कि उसे क्षेत्र की 50 सीटों में से 30 से ज्यादा पर जीत मिलेगी. जबकि कांग्रेस अपना पिछला रिकॉर्ड दोहराने के लिए जद्दोजहद कर रही है.

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