
बेंगलुरु के अनेक नागरिक महीनों पहले आवेदन देने के बावजूद अपने वोटर ID कार्ड से वंचित हैं. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम की जांच से संकेत मिलता है कि इन वोटर ID कार्ड्स का जखीरा संभवत: गलत तत्वों के हाथ लग गया हो और जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है. वो भी ऐसे वक्त में जब 12 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है.
मंगलवार को बीजेपी पार्षद मंजुला नंजामुरी के जलाहल्ली स्थित फ्लैट पर छापा मार कर अधिकारियों ने 9,746 वोटर ID कार्ड जब्त किए. ये इलाका राजाराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र के नजदीक पड़ता है.
ये खबर सामने आई तो पूरे देश ने हैरानी से देखा कि किस तरह टीवी फुटेज में एक घर के अंदर मेज पर बड़ी संख्या में वोटर ID कार्ड बिखरे दिख रहे थे. मंजुला नंजामुरी ने खुद इस मामले से किसी तरह के भी जुड़ाव से इनकार करते हुए कहा कि जलाहल्ली का फ्लैट किराए पर दिया हुआ था. बहरहाल, इन वोटर ID कार्ड्स की जब्ती के बाद से ही कांग्रेस और बीजेपी में एक दूसरे पर दोषारोपण का खेल शुरू हो गया.
जब्त किए वोटर ID कार्ड्स की तस्वीरों से इंडिया टुडे की टीम ने जांच को आगे बढ़ाया. मकसद यही गुत्थी सुलझाना था कि आखिर ये वोटर ID कार्ड्स नागरिकों के पास पहुंचने की जगह इस फ्लैट तक कैसे पहुंच गए.
इंडिया टुडे की टीम ने सबसे पहले जय भुवनेश्वरी नगर का रुख किया. ये निम्न आय वर्ग वाला इलाका माना जाता है. यहां 50 वर्षीय कंथाराजू को ढूंढने की कोशिश की गई. कंथाराजू का वोटर ID कार्ड भी उन 9,746 कार्ड्स में से एक था जो जलाहल्ली के फ्लैट से जब्त किए गए थे.
इंडिया टुडे टीम आखिर कंथाराजू तक पहुंचने में सफल रही. कंथाराजू ने बताया कि उन्होंने छह महीने पहले वोटर ID कार्ड के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें आज तक वो नहीं मिला.
कंथाराजू का कहना सही था जब उनका वोटर ID कार्ड जलाहल्ली स्थित फ्लैट से मिला तो उन्हें कैसे वो मिल सकता था.
रिपोर्टर ने कंथाराजू से पूछा, ‘आपका नया वोटर ID कार्ड कहां है?’
कंथाराजू- कहां है वो? वो अभी तक डिलिवर ही नहीं हुआ.
रिपोर्टर- ‘आपने कब आवेदन किया था?’
कंथाराजू- ‘एक महिला यहां आई थी. उसी ने फोटो खींचे और कहा कि वोटर ID कार्ड की डिलिवरी एक स्कूल में की जाएगी.’
रिपोर्टर- ‘लेकिन कार्ड कहां है?’
कंथाराजू- ‘उसने यही कहा था कि जल्दी मिलेंगे, जल्दी मिलेंगे, लेकिन वो कभी नहीं मिले. ये छह महीने पहले की बात है. एक म्युनिसिपल वर्कर जिसका बामुश्किल गुजारा चलता है वो कैसे हर वक्त यही पता करता रहे कि उसका वोटर ID कार्ड कहां हैं, ये भला कैसे संभव है.’
आसपास के इलाके में कई और नागरिकों से इंडिया टुडे टीम ने बात की तो उनकी भी कमोबेश ऐसी ही कहानी थी.
एक युवा ने कहा- ‘हमें अभी तक अपने वोटर ID कार्ड्स नहीं मिले हैं. चार से पांच महीने हो गए हैं. अभी तक नहीं आए.’
दूसरे नागरिक ने कहा, ‘उन्होंने कहा था कि ये 5 मई को बन जाएगा.’
एक और नागरिक ने कहा- ‘वोटर ID कार्ड बनने की प्रक्रिया में है.’
जय भुवनेश्वरी नगर के मतदाताओं को जरा सा भी सुराग नहीं था कि जलाहल्ली से जब्त किए ज़्यादातर वोटर ID कार्ड उनके आसपास के इलाके के नागरिकों के ही थे.
इंडिया टुडे टीम ने जांच को आगे बढ़ाया. इसी कड़ी में जलाहल्ली से जब्त किए गए एक और वोटर ID कार्ड के पते पर रिपोर्टर पहुंचे. वोटर ID कार्ड जिस शख्स अरुमुगम के नाम था, उसका आसपास कहीं कुछ पता नहीं चला. ये पता लग्गेरे इलाके में ‘8-KSCB क्वार्टर्स हाउस’ का था.
जलाहल्ली के फ्लैट से बड़ी संख्या में वोटर ID कार्ड्स तो अधिकारियों की पकड़ में आ गए? लेकिन क्या ये संभावना नहीं कि ऐसे और वोटर ID कार्ड्स भी गलत तत्वों के हाथ में आ गए हों? जिन नागरिकों के ये कार्ड हैं वो इंतजार ही करते और 12 मई को अपने मताधिकार से वंचित रहें और उनकी जगह कोई और ही वोट दे आए.
जलाहल्ली से जब्त किए गए वोटर ID कार्ड्स के मामले में कांग्रेस ने गुरुवार को चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की. कांग्रेस ने बीजेपी पर चुनाव अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया.
दूसरी तरफ बीजेपी भी जवाब में कांग्रेस पर ऐसे ही आरोप लगा रही है. बीजेपी ने राजा राजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र में 12 मई को होने वाले मतदान को रद्द करने की मांग भी की है.