
कर्नाटक में येदियुरप्पा के बहुमत परीक्षण के क्लाइमेक्स से पहले बीजेपी और कांग्रेस का आलाकमान सक्रिय हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक में मौजूद पार्टी नेताओं अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद से बात की है. दोनों ने कर्नाटक में चल रही सियासी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली है.
उधर, सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक विधानसभा में मौजूद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बात की है.
इधर कांग्रेस नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कर्नाटक में चल रही सियासी गतिविधियों पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले ही दिन से स्पष्ट कर दिया था कि हम सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त नहीं करेंगे और वे गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत के लगातार संपर्क में हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दोनों विधायक आनंद सिंह और प्रताप सिंह पाटिल कांग्रेस के लिए वोट डालेंगे. जेडीएस और कांग्रेस के सभी 117 विधायक एकजुट हैं और बीजेपी का भंडाफोड़ हो गया है.
इससे पहले कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने शनिवार को 15वीं कर्नाटक विधानसभा का सत्र बुलाया, और सदन में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथग्रहण शुरू हुआ. विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के.जी. बोपैया सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने सबसे पहले शपथ ली. इसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और जनता दल (सेकुलर) के विधायक दल के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने शपथ ली.
इन तीनों के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और जेडी(एस) के विधायकों का शपथ ग्रहण शुरू हुआ.
सदन में मौजूद प्रमुख विधायकों में राज्य में बीजेपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री के.एस.ईश्वरप्पा, बी.श्रीरामुलू, कांग्रेस विधायक डी.के.शिवकुमार, आर.वी.देशपांडे, एम.बी.पाटील, शमनुरु शिवशंकरप्पा और जेडी(एस) के जी.टी.देवगौड़ा और एच.डी.रेवन्ना शामिल हैं.
सभी विधायकों का शपथग्रहण शाम चार बजे से पहले पूरा हो जाएगा. इसके बाद बोपैया सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने को कहेंगे.
यदि विपक्षी विधायक मत विभाजन पर जोर देंगे तो अस्थायी अध्यक्ष विश्वास मत का समर्थन करने वाले सदस्यों से पहले वोट करने को और विरोध करने वालों को बाद में वोट करने को कहेंगे.
राज्य में 12 मई को हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी ने सर्वाधिक 104 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 78 और जेडी(एस) ने 37 सीटें जीती हैं. येदियुरप्पा को विश्वास मत जीतने के लिए 112 वोटों की जरूरत है. राज्य में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
हालांकि खबर ये भी आ रही है येदियुरप्पा विश्वास मत साबित न कर पाने की स्थिति में इस्तीफा भी दे सकते हैं.
जेडी(एस) के कुमारस्वामी दोनों सीटों चन्नपटना और रामनगरा से जीते हैं. इस तरह जेडी(एस) के पास कुल 36 सीटें हैं, क्योंकि कुमारस्वामी सिर्फ एक बार ही वोट कर सकते हैं.
गौरतलब है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस और जेडी(एस) की याचिका पर फैसला देते हुए येदियुरप्पा को शनिवार चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश दिया था.