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कर्नाटक की सत्ता में कांग्रेस की भूमिका पर आज होगा मंथन

पार्टी के दो वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद आज दिल्ली लौट रहे हैं, जिसके बाद वे कर्नाटक की सत्ता में साझेदारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चर्चा करेंगे.

सिद्धारमैया की भूमिका पर सवाल! सिद्धारमैया की भूमिका पर सवाल!
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2018,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

कर्नाटक में येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद नई सरकार का रास्ता साफ हो गया है. बुधवार को जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और उसके पहले सरकार के विभागों का बंटवारा हो सकता है. सहयोगी दल कांग्रेस सोमवार को इस बारे में फैसला करेगी.

जेडीएस कोटे से कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनाने पर तो नतीजे आने के बाद से ही सहमति बन गई है लेकिन सरकार में कांग्रेस के हाथ क्या लगेगा इसका फैसला होना अभी बाकी है. सूत्रों ने कहा कि पार्टी के दो वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद आज दिल्ली लौट रहे हैं जिसके बाद वे कर्नाटक की सत्ता में साझेदारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ चर्चा करेंगे.

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सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के साथ बैठक में पार्टी नेता यह फैसला करेंगे कि कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार में कांग्रेस के कुल कितने मंत्री होंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से कोई एक नेता उप मुख्यमंत्री बनेगा और इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है.

राज्य में सीटों के मामले में जेडीएस तीसरी पार्टी है, बावजूद इसके बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस ने बिना शर्त के जेडीएस को समर्थन दिया है. कांग्रेस नेताओं की ओर से यह भी संकेत दिए गए हैं कि यह गठबंधन सिर्फ कर्नाटक के लिए नहीं बल्कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रह सकता है.

बीजेपी को सत्ता से दूर रखकर कांग्रेस ने दक्षिण में अपना एकमात्र गढ़ तो बचा लिया है, लेकिन सरकार में उसकी भूमिका पर अब भी सवाल हैं. बीजेपी पहले ही इस गठबंधन को अपवित्र बताकर जल्दी सरकार गिरने की भविष्यवाणी कर चुकी है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को फूंक-फूंककर कदम रखने होंगे क्योंकि बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती नजर आएगी. गठबंधन सरकार की छोटी सी चूक भी बीजेपी को बड़ा मौका दे सकती है.

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सिद्धारमैया क्या करेंगे?

पूर्व की कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले सिद्धारमैया की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. गठबंधन सरकार में उनका सीएम बनना तो नामुमकिन है तो अब उन्हें क्या पद दिया जाएगा. चुनाव में बड़ी मुश्किल से जीत कर आए सिद्धारमैया क्या सीएम से छोटे पद पर संतुष्ट होकर मान जाएंगे या फिर सरकार से बाहर ही रहेंगे. सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी सीट से बड़े अंतर से चुनाव हार गए, जबकि दूसरी सीट बदामी से जीत दर्ज करने में उनके पसीने छूट गए थे.

क्या रहे थे नतीजे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी को 104 सीटें मिली, और यह संख्या बहुमत से 7 कम है. दूसरी ओर, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं. कुमारस्वामी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए बहुमत का आंकड़ा 111 पहुंचता है.

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