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कर्नाटक: जीत का जश्न मनाने में जुटी थी BJP, कांग्रेस ने ऐसे पलट दी बाजी

बीजेपी कर्नाटक में चुनावी जंग फतह करने के खुशी में डूबी हुई थी, जबकि त्रिशंकु विधानसभा की हालत देखकर कांग्रेस खेल करने में जुट गई. कांग्रेस बीजेपी की सत्ता की राह में रोड़े बनकर खड़ी हो गई है. गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और पूरी राजनीतिक हालत पर चर्चा की. इसके बाद जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.

फाइल फोटो फाइल फोटो
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली/बेंगलुरु,
  • 15 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

कर्नाटक चुनाव नतीजों के बीच बीजेपी नेता जिस समय जीत का जश्न मनाने में जुटे थे और उसके प्रवक्ता न्यूज चैनलों में बयान देने में लगे थे, उस वक्त कांग्रेस के दो दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत राज्य की सत्ता में बीजेपी को रोकने की रणनीति पर काम कर रहे थे. आखिरकार कांग्रेस को इसमें सफलता मिलती दिख रही और नतीजों के बीच ही कांग्रेस ने जेडीएस के साथ सरकार बनाने का बड़ा ऐलान कर दिया.

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों में किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनकर उभरी है, लेकिन जादुई आंकड़े से करीब सात सीट दूर दिख रही है. फिलहाल कांग्रेस को 77 और जेडीएस को 38 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं.

बीजेपी कर्नाटक में चुनावी जंग फतह करने के खुशी में डूबी हुई थी, जबकि त्रिशंकु विधानसभा की हालत देखकर कांग्रेस खेल करने में जुट गई. कांग्रेस बीजेपी की सत्ता की राह में रोड़े बनकर खड़ी हो गई है. गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की और पूरी राजनीतिक हालत पर चर्चा की. इसके बाद जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दांव चलकर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है.

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जेडीएस से बात करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को भी इस काम में लगाया गया है. मायावती ने कर्नाटक में जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी हैं और उनकी पार्टी के एक विधायक ने जीत भी दर्ज की है. ऐसे में मायावती ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और कुमारस्वामी के साथ बातचीत करके उनको कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए राजी कर लिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने जेडीएस को किसी भी कीमत में बीजेपी के साथ न जाने की भी सलाह दी है.

जेडीएस के राजी होने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे सिद्धारमैया और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी देवगौड़ा से बात करके सरकार बनाने का फॉर्मूले तय किया. कांग्रेस और जेडीएस के बीच तय हुआ है कि कुमारस्वामी मुख्यमंत्री होंगे और कांग्रेस के कोटे में डिप्टी सीएम का पद मिलेगा. इसके लिए जी परमेश्ररा के नाम को भी बकायदा सुझाया गया हैं. इसके अलावा इस गठबंधन में 34 मंत्री होंगे, जिसमें से कांग्रेस के कोटे से 20 और जेडीएस के कोटे से 14 मंत्री होंगे.

कांग्रेस के प्रस्ताव पर जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने मुहर लगा दी है और अब राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

कांग्रेस और जेडीएस के बीच पकती खिचड़ी को भांपकर बीजेपी नेता भी सक्रिय हो गए हैं. पार्टी आलाकमान ने अपने तीन कैबिनेट मंत्री को कर्नाटक के लिए रवाना किया है. येदियुरप्पा दिल्ली आने वाले थे, लेकिन उन्हें वहीं रुकने की सलाह दी गई और वो राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कर्नाटक में सत्ता की लड़ाई में बाजी कौन जीतता है?

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