
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी पूरी तरह से आमने-सामने आ गए हैं. दोनों ही दलों के दिग्गज नेता एक-दूसरे पर करारा हमला बोल रहे हैं. कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के साथ ही सोनिया गांधी को भी चुनाव प्रचार में उतार दिया है.
मंगलवार को बीजापुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर कांग्रेस मुक्त भारत का भूत चढ़ा हुआ है.
सोनिया गांधी ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने इंदिरा कैंटीन शुरू की, जिसके तहत 10 रुपये में खाना मिलता है. केंद्र की मोदी सरकार कर्नाटक के साथ भेदभाव कर रही है. कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक को नंबर वन राज्य बनाया है.
पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि जब कांग्रेस ने देशभर में लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा लागू किया, तो खुद बीजेपी और मोदी ने विरोध किया था.
मोदी ने किसानों और उनके परिवार का किया अपमान: सोनिया
पिछले कुछ वर्षों से हमारे अन्नदाता किसान तमाम कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. पिछले चार साल में दशकों से ज्यादा सूखा पड़ा. इस पर पीएम मोदी ने मदद देना तो दूर, सीएम से मिलने तक से इनकार कर दिया. मोदी ने सिर्फ सीएम का ही नहीं, बल्कि किसानों और उनके परिवार का भी अपमान किया.
सिद्धारमैया ने 22 लाख किसानों के कर्ज किए माफ
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि जिन राज्यों में सूखा पड़ा, उन राज्यों को मोदी सरकार ने हजारों-हजार करोड़ दिए. पर कर्नाटक के लोगों के घावों पर नमक छिड़कते हुए कुछ नहीं दिया. क्या यही है मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास'. हालांकि इसके बावजूद सिद्धारमैया ने किसान भाइयों को इस मुसीबत से निकालने के लिए 22 लाख किसानों के कर्ज माफ किए.
सोनिया बोलीं- मोदी पर कांग्रेस मुक्त भारत का भूत चढ़ा है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार विकास का काम कर रही है, जबकि मोदी सरकार इनको खत्म करने का काम कर रही है. मोदी पर कांग्रेस मुक्त भारत का जुनून चढ़ा है...कांग्रेस मुक्त भारत का भूत लगा है....कांग्रेस मुक्त भारत तो छोड़िए वो अपने सामने किसी को बर्दाश्त नहीं कर सकते.
'भाषण देने से नहीं भरता पेट'
सोनिया ने कहा कि मोदी को इस बात का गर्व है कि वो अच्छा भाषण देते हैं. वो एक बड़े ओरिएटर और अभिनेता की तरह हैं. अगर उनके भाषण से देश का पेट भर सकता है, तो वो और भाषण दें. मोदी के भाषण से पेट नहीं भर सकता, रोजगार नहीं मिल सकता और किसानों को राहत व सुविधाएं नहीं मिल सकतीं. इन सबके लिए मजबूत इरादा चाहिए.
पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में हो रहा लगातार इजाफा
इस दौरान सोनिया ने महंगाई के मसले पर भी मोदी सरकार पर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि आज महंगाई आसमान छू रही हैं. समाज के हर तबके को मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं. शायद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, लेकिन इन सबकी परवाह न कर मोदी सरकार लगातार पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस की कीमतें बढ़ाती जा रही है.
महापुरुषों का राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे मोदीः सोनिया
मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए सोनिया ने कहा कि देश यह देखकर हैरत में है कि पीएम जहां भी जाते हैं, वहां गलत बोलते हैं. महान स्वाधीनता सेनानियों का राजनीतिक इस्तेमाल शतरंज के मोहरों की तरह करते हैं. क्या ऐसी बात करना एक पीएम को शोभा देता है? क्या पहले कभी ऐसा पीएम देखा, जो सिर्फ बाते ही करता है और असली मुद्दे पर खामोश रहता है.
सोनिया ने पीएम मोदी पर दागे कई सवाल
इस बीच सोनिया ने पीएम मोदी पर कई सवाल भी दागे. उन्होंने पूछा कि मोदी ने जनता से चार साल पहले किए वादों में से कौन सा वादा पूरा किया? इतने समय में देश के किसानों, युवाओं, मध्यम वर्ग, महिलाओं, बच्चियों, दलितों और पिछड़ों के लिए आपने क्या किया?
उन्होंने सवाल किया कि करप्शन मिटाने के आपके सबसे पसंदीदा वादे का क्या हुआ? चार साल बाद भी आखिरकार लोकपाल क्यों नहीं लाया गया? मोदी करप्शन मिटाने के लिए कर्नाटक में जो मंच पर ईर्द-गिर्द रहते हैं, उनका मॉडल अपनाएंगे या फिर अपने सबसे करीबी साथी के बेटे का मॉडल अपनाएंगे.
दो साल बाद चुनाव प्रचार करने उतरीं सोनिया गांधी
सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तीन अगस्त 2016 को पीएम मोदी के संसदीय इलाके वाराणसी में रोड शो करने उतरी थीं. इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें एयरलिफ्ट कर तुरंत दिल्ली लाया गया था.इसके बाद से वो चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए थीं.
इस बीच उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन वो कहीं भी प्रचार करने नहीं उतरीं. इतना ही नहीं, वो अपने संसदीय सीट के तहत आने वाली विधानसभा सीटों पर भी प्रचार करने नहीं गईं, लेकिन अब वो कर्नाटक की सियासी समर में उतर रही हैं.