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कर्नाटक: चुनावी मौसम में 9 अप्रैल को मोदी बनाम राहुल का पहला मैच, कांग्रेस ने चला बड़ा दांव

असल में 9 अप्रैल को कर्नाटक में राहुल गांधी का सत्यमेव जयते कार्यक्रम होने वाला है. अब ये कार्यक्रम बड़ा इसलिए बन गया है क्योंकि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्नाटक दौरे पर हैं. यानी कि 9 अप्रैल को कर्नाटक चुनाव का पहला सियासी मुकाबला होने जा रहा है. 

पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

कर्नाटक चुनाव को लेकर माहौल गर्म हो गया है. दोनों बीजेपी और कांग्रेस ने धीरे-धीरे अपने तरकश से सियासी तीर निकालना शुरू कर दिया है. अब इसी कड़ी में कांग्रेस का एक नया दांव सामने आया है. पार्टी खुद इसे दांव नहीं मानती है, लेकिन चुनावी मौसम में इसे उसी नजरिए से देखा जा रहा है. असल में 9 अप्रैल को कर्नाटक में राहुल गांधी का सत्यमेव जयते कार्यक्रम होने वाला है. अब ये कार्यक्रम बड़ा इसलिए बन गया है क्योंकि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्नाटक दौरे पर हैं. यानी कि 9 अप्रैल को कर्नाटक चुनाव का पहला सियासी मुकाबला होने जा रहा है. 

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कांग्रेस का दांव बड़ा, फिर मोदी बनाम राहुल

बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी 9 अप्रैल को कर्नाटक के कोलर में अपना सियासी कार्यक्रम करने जा रहे हैं. ये वहीं जगह है जहां पर साल 2019 में राहुल ने मोदी सरनेम को लेकर वो बयान दिया था जिस वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई. ऐसे में अब उसी जगह से वे एक बार फिर हुंकार भरने वाले हैं, सत्यमेव जयते के जरिए दिखाएंगे कि वे सच्चे हैं और उन्हें फंसाया गया है. पीएम मोदी की बात करें तो वे प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर कर्नाटक आ रहे हैं. अब चुनाव का मौसम है, इसलिए इस दौरे को भी सियासी चश्मे से ही देखा जा रहा है.

कांग्रेस का अलग नेरेटिव, 2024 की बिसात

अब एक तरफ राहुल गांधी खड़े हैं तो दूसरी तरफ पीएम मोदी भी उसी तारीख को आ रहे हैं. कर्नाटक चुनाव का ये पहला बड़ा सियासी मैच माना जा रहा है. कांग्रेस के एक नेता ने तो नेरेटिव भी इसी तरह का सेट कर दिया है. उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते जो नारा है, वो हमारे नेशनल एंबलम के चार शेरों के नीचे लिखा होता है. अब देखते हैं कि प्रोजेक्ट टाइगर के सामने इस सच की ताकत कैसे जीतती है. वैसे कांग्रेस के लिए इस समय राहुल गांधी ही सबसे बड़ा चेहरा हैं. पहले उन्हें 2024 के चुनाव के लिए चेहरा बनाया जा रहा था, उन्हें शायद पीएम उम्मीदवार भी बना दिया जाता. लेकिन अब जब जमीन पर समीकरण बदल चुके हैं, ऐसे में अब अलग तरीके से राहुल को प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रोजेक्ट करने की तैयारी हो रही है. 9 अप्रैल के उस सियासी मैच को भी उसी नेरेटिव का एक हिस्सा माना जा रहा है.

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