
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी हो गए हैं. इस बार के चुनावों में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. वहीं सत्ताधारी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है और पार्टी मजह 65 सीटों पर ही सिमट गई है. आजतक- एक्सिस माई इंडिया के सर्वे में पहले ही इसका अनुमान जारी कर दिया गया था, जो बिल्कुल सटीक साबित हुआ है. वहीं अब चर्चा जेडीएस की हो रही है, जो परिणाम आने से पहले तक किंगमेकर की भूमिका निभाने की बात कर रही थी. लेकिन पार्टी को अपने ही गढ़ में नुकसान उठाना पड़ा है.
जेडीएस के खाते में महज 19 सीटें आई हैं, जबकि पिछले चुनाव यानी 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 37 सीटें मिली थीं. पार्टी को इस बार अपने गढ़ में भी नुकसान उठाना पड़ा है. दरअसल, ओल्ड मैसूर इलाका जेडीएस का गढ़ माना जाता है जहां विधानसभा की 55 सीटें हैं. यहां वोक्कालिगा और मुस्लिम वोटर्स की संख्या अधिक है. पिछले चुनाव में जेडीएस को यहां 26 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार 19 सीटें ही खाते में आई हैं. वहीं कांग्रेस को 37, बीजेपी को 5 और अन्य को 3 सीटें मिली हैं.
ये दूसरा मौका है जब जेडीएस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी जा रही है. 1999 में अपने पहले विधानसभा चुनाव मे जेडीएस को 10 सीटें मिली थी, लेकिन उसके बाद 2004 में उसने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 58 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया और बाद में एचडी कुमारस्वामी 1 साल 8 महीने से ज्यादा समय तक सीएम भी रहे. 2008 में हुए चुनाव में जेडीएस को झटका लगा और वह 28 सीटों पर सिमट गई. लेकिन 2013 में जेडीएस फिर से 40 सीटें पाने में कामयाब रही. इसके बाद लगातार जेडीएस के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी गई.
साल 2018 में के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन, बहुमत से 8 सीटें कम रह गई थी. कांग्रेस को तब 78 सीटें मिली थी जबकि 37 सीटों वाली जेडीएस किंगमेकर बनकर उभरी और कांग्रेस ने गठबंधन कर कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बनाई. हालांकि यह सरकार 14 महीने ही चल पाई. कांग्रेस विधायकों ने बगावत करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया और बाद में कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी.