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केरल में एनडीए को झटका, सबरीमाला मामले को लेकर टूटी भारत धर्म जन सेना पार्टी

यह पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ (UDF) के साथ काम करेगी. बागी नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने चुनाव के लिए सत्तारूढ़ एलडीएफ (LDF) के साथ गुप्त समझौता किया है. 

केरल में बीजेपी को झटका (फोटो- पीटीआई) केरल में बीजेपी को झटका (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST
  • BDJS पार्टी में टूट, बागियों ने बनाई अलग पार्टी
  • बीजेपी पर एलडीएफ सरकार से सांठगांठ के लगाए आरोप
  • सबरीमाला मामले का हवाला देकर अलग हुई पार्टी

भारतीय जनता पार्टी को केरल में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. केरल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा रही भारत धर्म जन सेना (BDJS) पार्टी टूट गई है. बागी नेताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) में शामिल होने का फैसला करते हुए एक नई पार्टी भारतीय जन सेना (BJS) बनाने की घोषणा की है. बागी नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने चुनाव के लिए सत्तारूढ़ एलडीएफ (LDF) के साथ गुप्त समझौता किया है. 

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बागी नेता वी गोपाकुमार और एनके नीलकंदन ने एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करते हुए कहा कि एलडीएफ (LDF) सरकार ने सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है. जिससे उन्हें गहरी ठेस पहुंची है.

वी गोपाकुमार ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने के दौरान बीडीजेएस के कार्यकर्ताओं सहित हजारों श्रद्धालुओं को पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा था. अब बीजेपी, कांग्रेस मुक्त भारत की राह पर आगे बढ़ते हुए केरल विधानसभा चुनाव में एलडीएफ सरकार को एक बार फिर से सत्ता में लाना चाहती है. हिंदू धर्म को मानने वाले बीजेपी के इस षडयंत्र को स्वीकार कर फिर से प्रदेश में एलडीएफ की सरकार सुनिश्चित नहीं कर सकते.   

गोपकुमार ने कहा, "हम एक मिनट के लिए भी एनडीए में नहीं रख सकते हैं क्योंकि हम इस साजिश से नाखुश हैं. बीजेएस यूडीएफ पर पूरी तरह से भरोसा करके काम करेगा. बीडीजेएस भाजपा के लिए एक उपकरण के अलावा कुछ भी नहीं है. वे एक ऐसे संगठन में नहीं रह सकते हैं जो राज्य में राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गया है. इसके परिणामस्वरूप नई पार्टी का गठन किया गया है."

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गोपीकुमार ने आगे आरोप लगाया कि ''बीजेपी सीपीआईएम के साथ संबंध बनाने के लिए फिर से सत्ता में आने के लिए हिंदू भक्तों को धोखा दे रही है. हमें भरोसा है कि यूडीएफ सत्ता में आने पर सबरीमाला मुद्दे पर अध्यादेश लाएगी." 

वहीं केरल पुलाया महासभा (KPMS) के प्रमुख नेता रहे नीलकंदन ने कहा कि बीडीजेएस की 14 जिला समितियों में से 11 का समर्थन उन्हें मिल रहा है. नवगठित बीजेएस बिना किसी शर्त के यूडीएफ का समर्थन करेगा. यूडीएफ नेताओं के साथ पहले ही विचार-विमर्श हो चुका है. बाकि यूडीएफ पर निर्भर करता है कि वह बीजेएस को कैसे शामिल करते हैं.

नीलकंदन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी के नेता चुपचाप अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में एलडीएफ की जीत सुनिश्चित करने की हिदायत दे रहे हैं. यही वजह है कि अब एकदम से उन्होंने गोल्ड स्मलिंग का मामला उठाना बंद कर दिया है. 

बीजेएस के कार्यकारी अध्यक्ष वी गोपाकुमार ने आरोप लगाया कि बीडीजेएस का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राजनीतिक "टूल" के रूप में कर रही है.

 

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