
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण दिए जाने का खूब बखान कर रहे हैं. आगरा में आज एक रैली के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दलित-आदिवासी या पिछड़ों से चोरी किए बिना सवर्णों को आरक्षण दिया है, लेकिन पहले सरकारें चोरी कर तुष्टिकरण कर झोली भरना चाहती थीं. लेकिन एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसके मुताबिक गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए वह आरक्षण को वक्त की बर्बादी मानते थे.
आजतक के यूट्यूब चैनल 'न्यूजतक' के पास उपलब्ध वीडियो में उन्हें सुना जा सकता है. इसमें वह आरक्षण को वक्त की बर्बादी बता रहे हैं. एक इंटरव्यू में वह कह रहे हैं, 'अगर हरेक के लिए शिक्षा की सुविधा हो...तब आरक्षण के लिए कौन पूछेगा? अगर सभी के लिए नौकरी के लिए मौका हो...तब आरक्षण के लिए कौन पूछेगा? इसलिए हमें समृद्धि के युग का निर्माण करना होगा. एक बार हम समृद्धि के युग का निर्माण कर लेंगे तो कोई आरक्षण की बात नहीं करेगा. ऐसा करना वक्त की बर्बादी है. इसलिए क्योंकि हमारा पूरा अर्थतंत्र एक अभाव तंत्र है. हमें कम को ज्यादा तक में तब्दील करना होगा, और गुजरात एक समृद्धि का मॉडल है.
लेकिन आगरा में आरक्षण पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, सवर्ण गरीब परिवारों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी संस्थानों में आरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. पहले भी चुनाव के समय नारेबाजी बहुत हुई, मैं भी कहता था कि 50 फीसदी के ऊपर आरक्षण कहकर सरकार बेइमानी करती हैं. 50 फीसदी के ऊपर जाना है तो संविधान में संशोधन के बिना नहीं जा सकते. पहले जो करते थे वो दलित-आदिवासी का हक चोरी कर झोली भरना चाहते थे, ताकि उनकी वोट बैंक की झोली भर जाए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार रिजर्वेशन देने के लिए संविधान में संशोधन लाई और इसके लिए उन्होंने सभी सांसदों का शुक्रिया अदा किया. गरीबी किसी के विकास में अड़चन न बने, इसलिए यह आरक्षण की व्यवस्था की गई है. सिर्फ आरक्षण ही नहीं, उसके साथ उच्च शिक्षा की सीटें 10 फीसदी बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है.
बहरहाल बता दें कि न्यूजतक के पास उपलब्ध इस वीडियो को 2013 में अपलोड किया गया था. सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा संस्थानों में सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया. इस 10 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक का लगभग सभी दलों ने समर्थन किया है.