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एयरस्ट्राइक इफेक्ट? एनडीए का कुनबा होने लगा मजबूत

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल जो साथ छोड़कर अलग रास्ते पर चले गए थे, वे फिर से वापस आने के संकेत दे रहे हैं. इतना ही नहीं विपक्षी दलों के कई नेता अपने सियासी भविष्य को बचाने के लिए अपनी पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामने में जुट गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-twitter) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-twitter)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

एयर स्ट्राइक के बाद सियासी समीकरण पूरी तरह से बदलते दिख रहे हैं. महागठबंधन में सहयोगी दल जहां कांग्रेस को आंखें दिखाने में जुटे हैं. जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल जो साथ छोड़कर अलग रास्ते पर चले गए थे, वे फिर से वापस आने के संकेत दे रहे हैं. इतना ही नहीं विपक्षी दलों के कई नेता अपने सियासी भविष्य को बचाने के लिए अपनी पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामने में जुट गए हैं. ऐसे में एनडीए का कुनबा चुनावी रण में उतरने से पहले मजबूत होता नजर आ रहा है.

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असम गण परिषद फिर एनडीए का बना हिस्सा

असम में नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे पर असम गण परिषद दो महीने पहले बीजेपी से नाता तोड़कर अलग हो गई थी. लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही असम गण परिषद की एक बार फिर एनडीए में वापसी हुई है. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि बीजेपी, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) असम में कांग्रेस को हराने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में एकसाथ आने का फैसला किया है.  हम एकसाथ सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में सभी 14 सीटों पर कांग्रेस को हराएंगे.

बता दें कि असम में इन दोनों पार्टियों की एनडीए में वापसी से बीजेपी के राजनीतिक समीकरण मजबूत होते नजर आ रही है. बीजेपी, असम गण परिषद और बीपीएफ 2016 असम विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़कर असम में सरकार बनाई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में असम की 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को सात सीटें मिली थी. जबकि कांग्रेस को 3 और अन्य को 4 सीटें मिली थी.

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गुजरात से बंगाल तक MLA-MP बीजेपी में शामिल

लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं में भगदड़ देखी जा रही है. गुजरात में कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. वहीं, मंगलवार को पश्चिम बंगाल टीएमसी के कई नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. टीएमसी के एक सांसद और सीपीआई (एम) और कांग्रेस के एक-एक विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बीजेपी का दामन थामने वालों में टीएमसी सांसद अनुपम हाजरा, सीपीआई (एम) विधायक खगेन मुर्मु और कांग्रेस विधायक दुलाल चंद्र बार शामिल हैं.

महाराष्ट्र में कांग्रेस को झटका

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. दिलचस्प बात ये है कि राधाकृष्ण विखे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं. सुजय विखे पाटिल अहमदनगर लोकसभा सीट से सियासी रण में उतरने की प्लानिंग में थे, लेकिन एनसीपी ने इस सीट को छोड़ने से इनकार कर दिया है. ऐसे में सुजय विखे पाटिल ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

सपा-बसपा-RLD नेता बीजेपी में शामिल

उत्तर प्रदेश में भी सियासी पारा काफी गर्म है. सपा-बसपा और आरएलडी के कई नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. पूर्व मंत्री वंश नारायण पटेल, नगीना के पूर्व सांसद यशबीर सिंह , पूर्व विधायक गोटियारीलाल दबेश, सहारनपुर के मुकेश चौधरी, कैप्टन सिकंदर रिजवी, पूर्व प्रत्याशी उमेश सैंटिया और उम्मेद प्रताप सिंह को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता दिलाई.

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