![रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण [फोटो-इंडिया टुडे]](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/201903/nirmal555_1552391871_749x421.jpeg?size=1200:675)
पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर किसी को प्रेरणा लेनी है तो अभिनंदन से मिले. रक्षा मंत्री आजतक की सुरक्षा सभा में हाऊ इज द जोश सत्र में पहुंची थीं. उनसे सवाल पूछे टीवीटीएन के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विंग कमांडर अभिनंदन से मुलाकात की कहानी विस्तार से बताई. उन्होंने कहा कि बाघा बॉर्डर से आने के दौरान ही वह अभिनंदन के संपर्क में थीं. लेकिन दिल्ली के सेना अस्पताल में वह उनसे मिलने गईं. सीतारमण ने कहा कि इतना कुछ गुजर जाने के बाद भी अभिनंनदन के चेहरे पर डर का कोई भाव नहीं था. पाकिस्तान में उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था, उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था लेकिन उसको लेकर भी उनके मन में कोई मलाल नहीं था. उनका मानना था कि ऐसे हालात में इस तरह होना स्वाभाविक था.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभिनंदन का जोश देखने लायक है. जितने भी लोग उनसे मिले हैं सभी उनकी प्रशंसा करते हैं अगर कोई मोटिवेशन लेना हो तो उनसे मिलना चाहिए. वह एकदम शांत हैं, इतना कुछ होने के बाद भी उनके मन में कुछ निगेटिव नहीं है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभिनंदन जो करके आए हैं उस पर उन्हें गर्व है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मिग 21 ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम पूरी तरह अलर्ट हैं, अलर्ट रहने का मतलब यह नहीं है कि तैयारी का मतलब पूरे देश को खौफ में रखना है, अलर्ट का मतलब यह भी नहीं है कि हम किसी युद्द की तैयारी में हैं लेकिन इतना तय है कि हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं.
इस सवाल पर कि पाकिस्तान को हमने कितनी क्षति पहुंचाई उनका कहना था कि यह तो पाकिस्तान को बताना चाहिए. लेकिन अगर वह कहता है कि कोई क्षति नहीं हुई तो उसे इंटरनेशनल मीडिया को बालाकोट का दौरा कराना चाहिए था. पाक कहता है कि केवल पेड़ गिरे तो उसे दिखाना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि एयर स्ट्राइक इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पर की गई थी और हमें पता था कि वहां पर फिदायीन हमले करने वाले दस्ते को ट्रेनिंग दी जाएगी. वहां पर पुराने आतंकियों के साथ नए लोगों को भी बुलाया गया था. वहां कितने मारे गए. इस पर रक्षा मंत्री का कहना था कि वह संख्या नहीं बता सकतीं. सेना और सरकार पर भरोसा रखें.