
आजतक ने पुलवामा आतंकी हमले और भारत की एयरस्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर खास कार्यक्रम 'सुरक्षा सभा' का आयोजन किया, जिसमें सरकार और विपक्ष के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. कार्यक्रम के सत्र 'शौर्य पर सियासत' में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों का पक्ष रखा और राफेल डील और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 2 जी घोटाले पर 1 लाख 76 हजार करोड़ का सांकेतिक नुकसान का मुद्दा कोर्ट से सिरे से खारिज हो गया है और यह मिथ्या का मायाजाल साबित हुआ. इसी को बुनकर बीजेपी 2014 के चुनाव से पहले झूठ और फरेब की राजनीति कर रही थी, लेकिन यह ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है.
उन्होंने कहा कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है. मोदी सरकार ने 126 विमानों के सौदे को इसलिए खारिज किया क्योंकि आप अपने पूंजीपति दोस्त, धनपशु को फायदा पहुंचाना चाहते थे, ऑफसेट सौदा ऐसे धनपशु को दिया जिसे जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं था. इसके लिए तेजस जैसे विमान बनाने वाली स्वदेशी कंपनी HAL को दरकिनार किया गया. यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर आपकी मंशा को साफ दर्शाता है.
तो पहले ही आ जाता राफेल...
राफेल में देरी के सवाल पर तिवारी ने कहा कि मुरली मनोहर जोशी ने कहा था, राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च उसी स्तर पर है जो 1962 में था. सुरक्षा की स्थायी समिति के चेयरमैन बीसी खंडूरी ने कहा कि पिछले चार वर्ष में एक बहुत ही संयोजित तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किया जा रहा है. ये दोनों ही कांग्रेस के सदस्य नहीं बल्कि बीजेपी के बड़े नेता हैं. राफेल पर अगर सरकार पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की नोटिंग को देख लेती तो 2014 में ही ये जहाज भारत आ जाते. लेकिन आपने 126 जहाज की खरीद की प्रक्रिया को रद्द कर 36 कर दिया.
PAK को कांग्रेस ने दी सबसे बड़ी चोट
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, पाकिस्तान को सबसे बड़ी चोट किसी ने पहुंचाई थी तो वह कांग्रेस की सरकार थी और पाक को दो हिस्सों में बांट दिया था. 1971 से 2014 तक हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर कटिबद्ध रहे. लेकिन कभी हमने उसका राजनीतिकरण नहीं किया, क्योंकि हम एक जिम्मेदार सरकार थे. तिवारी ने कहा कि 2017 में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई, 1998 से लगातार पर सीमा पर ऐसी कार्रवाई होती रही है.
राहुल गांधी के मसूद अजहर पर दिए बयान पर मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दों को इससे भटकाना नहीं चाहिए. उन्होंने जावड़ेकर पर पटलवार करते हुए कहा क्या सरकार ने जनता से किए गए वादों को पूरा किया है. क्या सरकार ने 15 लाख दिए, क्या सालाना 2 करोड़ नौकरियां दीं, क्या सरकार ने मुद्रा के लोन पर सही आंकड़े दिए. इस वजह से अगर सरकार मानती है कि उन्होंने वादे पूरे किए हैं तो वह जनता के बीच जाए, लेकिन हम भी जनता के बीच अपने सवाल रखेंगे और जनता इस पर भी अपना फैसला देगी.