
दिल्ली की सातों सीटों पर 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही आम आदमी पार्टी(आप) अपने पदाधिकारियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भले कर रही हो, लेकिन इस बीच कई ऐसे संकेत सामने आ रहे हैं जो आने वाले दिनों में पार्टी की चिंता बढ़ा सकते हैं.
इससे पहले कि हम आपको पार्टी नेतृत्व की संभावित चिंता की वजह बताएं कुछ सवाल जान लेना बेहद जरूरी हैं. क्या आम आदमी पार्टी की लीडरशिप चांदनी चौक से अपनी ही विधायक अलका लांबा से दूरी बना रही है? क्या अलका लांबा खुद पार्टी नेतृत्व से दूर जा रही हैं? क्या राजीव गांधी रत्न विवाद खत्म होने के बाद भी पार्टी में अंदरूनी विवाद जारी है?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि 12 जनवरी को अरविंद केजरीवाल के घर पर चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र की बैठक से अलका लांबा नदारद रहीं. सवालों का जवाब जानने के लिए हमने सबसे पहले 'आप' विधायक अलका लांबा से बात करना चाही, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. हालांकि लांबा के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि उन्हें 12 जनवरी की इस बैठक के बारे में पार्टी नेतृत्व की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी.
दरअसल, दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लोकसभा प्रभारियों और कार्यकर्ताओं के साथ आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अलग-अलग दिन बैठक कर रहे हैं. इस तरह की बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार की रणनीति के साथ-साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया जाता है.
12 जनवरी को शाम 6 बजे के बाद मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल मौजूद नहीं थे, लेकिन मंच पर दिल्ली प्रदेश संयोजक के साथ चांदनी चौक लोकसभा के प्रभारी पंकज गुप्ता मौजूद थे.
यहां आपको बता दें कि दिल्ली की हर लोकसभा में 10 विधानसभा आती हैं. इसी तरह चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभाएं, जिनमें आदर्श नगर, शालीमार बाग, शकूर बस्ती, त्री नगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल और बल्लीमरान शामिल हैं.
पार्टी सूत्रों की मानें तो 12 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक के दौरान शकूर बस्ती से विधायक और मंत्री सत्येंद्र जैन, वजीरपुर से विधायक राजेश गुप्ता, शालीमार बाग से विधायक बंदना कुमारी, मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी, सदर बाजार से विधायक सोमदत्त, मटिया महल से विधायक असीम अहमद खान, आदर्श नगर से विधायक पवन कुमार शर्मा मौजूद थे.
बल्लीमारान से विधायक और मंत्री इमरान हुसैन बैठक से पहले आए और निजी कारणों से लौट गए. जबकि, त्री नगर से विधायक जितेंद्र सिंह तोमर शहर में न होने की वजह से बैठक में नहीं पहुंचे. लेकिन हाल ही में पार्टी से दूरी की अटकलों के बीच चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा बैठक में नहीं पहुंचीं.
इससे पहले भी अलका लांबा 29 दिसम्बर 2018 को अरविंद केजरीवाल के घर हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नहीं पहुंची थीं. तब, अलका लांबा के नजदीकी सूत्रों ने बैठक का न्योता न मिलने का आरोप लगाया था.
हालांकि, दिल्ली प्रदेश के संयोजक गोपाल राय ने सभी विधायकों को राष्ट्रीय बैठक में आमंत्रण देने की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही थी. साथ ही अलका लांबा के नजदीकियों की मानें तो उन्हें पार्टी नेतृत्व को तरफ से बनाए गए तमाम व्हाट्सएप ग्रुप से भी हटा दिया गया है.