
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह शनिवार को लोकसभा चुनावों में गठबंधन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. आम आदमी पार्टी की दिल्ली या किसी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत अब तक फाइनल नहीं हो सकी है. दोनों दलों के नेता इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
इस मामले पर पीसी चाको ने कहा है कि यह समय की बर्बादी लग रहा है. हमारे नेता अब भी इंतजार कर रहे हैं. राहुल गांधी शुक्रवार रात को दिल्ली आ रहे हैं. हम उनसे बात करके दिल्ली के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे. हमने शीला दीक्षित को पूर्वी दिल्ली से खड़ा करने का फैसला किया है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला पार्टी को लेना है.
वहीं, आम आदमी पार्टी(आप) के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कहा कि वे कांग्रेस को एक मौका और देना चाहते हैं जिसे देश की जनता चाहती है. हम कांग्रेस को एक आखिरी मौका और देना चाहते हैं. देखते हैं क्या होता है.
गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहले ही दिन से आम आदमी पार्टी का 5 साल से चल रही तानाशाह सरकार के खात्मे के लिए काम कर रही है.
लोकसभा चुनाव 2019 में हम भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) को हराने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए एकजुट विपक्ष की जरूरत है. बीजेपी राज्य के संवैधानिक और स्वतंत्र निकायों को नुकसान पहुंचा रही है. दो दिन पहले आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही थी लेकिन किसी वजह से नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका. हम कांग्रेस को ऐसे में एक और मौका देना चाहते हैं. हमने कांग्रेस को दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन के लिए एक और मौका दिया है.
गोपाल राय ने कहा मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ही आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है. हर सीट लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. 22 अप्रैल को हमारे प्रत्यासी नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. हमारे मुताबिक अगर कांग्रेस और आप का गठंबधन होता है तो हम 18 सीटों पर बीजेपी को हरा सकते हैं. हमने वह सबकुछ किया जो हमसे कांग्रेस उम्मीदव कर रही थी. कांग्रेस ने कहा कि चंडीगढ़ छोड़ दो, हमने छोड़ दी.
हमारी इस वक्त एक ही इच्छा है कि किसी भी तरह से देश की मौजूदा परिस्थितियों को बदल दिया जाए. इसलिए ही हम कांग्रेस को आखिरी मौका देना चाहते हैं.
कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी लगातार कोशिशें कर रही है लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई सकारात्मक जवाब अब तक नहीं मिल रहा है. माना जा रहा है दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित इस गठबंधन के खिलाफ हैं इसलिए आलाकमान गठबंधन पर सहमति नहीं दे पा रहा है.
इसी बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि आम आदमी पार्टी अपने नामांकन गठबंधन की संभावना के चलते ही टालने की योजना बनाई थी.
वहीं 18 अप्रैल को हुई आज तक से बातचीत में दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा था कि आम आदमी पार्टी ने हमसे गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही है.
पीसी चाको ने बताया था कि दिल्ली के 7 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नामों पर जल्द फैसला लिया जा सकता है.
पीसी चाको ने बताया था कि 7 सीट पर लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी गठबंधन के तैयार थी मगर अब पीछे हट गए हैं. चाको ने दावा किया कि जब हम उम्मीदवारों का ऐलान करेंगे तब हम पूरी तरह चुनाव में होंगे क्योंकि हमारे ब्लॉक तैयार हैं, जिला तैयार हैं, विधानसभा तैयार हैं.
आजतक से हुई खास बातचीत में पीसी चाको पहले ही कह चुके हैं. कि वे दिल्ली में गठबंधन को तैयार थे उसके बाद हम आम आदमी पार्टी के जवाब का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में गठबंधन को ना करने की कोई वजह नहीं है, आम आदमी पार्टी बताए कि वह दिल्ली में गठबंधन क्यों नहीं करना चाहती? मोदी-अमित शाह को हराने के लिए आम आदमी पार्टी गंभीर है तो उसे गठबंधन करना चाहिए था.
बता दें कि गठबंधन पर राहुल गांधी खुद ट्वीट कर आम आदमी पार्टी को दिल्ली में चार सीटें ऑफर कर चुके हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच हरियाणा को लेकर बात फंस रही थी. फिलहाल कांग्रेस ने भी दिल्ली की सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है.
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