
लोकसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवाजी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 'आजतक' से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की. सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने केंद्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना तो साधा ही, लेकिन वह कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेने से नहीं चूके. सपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक जैसे ही हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी में महागठबंधन को मदद पहुंचाने के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि वह कन्फ्यूज हैं जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी विरोधीभासी बयान दे रहे हैं. असल में, प्रियंका गांधी ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी ने अपने उम्मीदवार या तो जीत के हिसाब से उतारे हैं या फिर उनमें बीजेपी के वोट काटने की क्षमता है. इसी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी का प्रमुख लक्ष्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पराजित करना है और जहां उसके पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है वहां समाजवादी पार्टी (सपा) या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मदद कर रहे हैं.
बहरहाल, पूरे इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस के खिलाफ सपा प्रमुख हमलावर दिखे. उन्होंने पहली बार खुलकर कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने धोखा दिया. कांग्रेस ने देश को धोखा दिया. हमें धोखा दिया. कांग्रेस ने ही नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के खिलाफ सीबीआई की जांच बैठाई. कांग्रेस ने ही डिंपल के खिलाफ सीबीआई जांच बैठाई. आज जो व्यक्ति पीआईएल करने वाला है वो कांग्रेस पार्टी का है. कांग्रेस पार्टी के इशारे पर ही वो नॉमिनेशन कराने आए थे, और वही पीआईएल करने वाला व्यक्ति बीजेपी से गठबंधन कर रहा है.'
मगर जब अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के लिए सॉफ्ट नहीं हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को दो सीटें दी गई हैं. आदरणीय मायावती जी और हम लोगों ने मिलकर ये फैसला लिया था कि हम उनको गठबंधन में शामिल करेंगे और अमेठी व रायबरेली की सीटें उनके लिए छोड़ेंगे. ये हम दोनों का संयुक्त फैसला था. हमने माना कि ये परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीटें हैं. हालांकि बीजेपी और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है. इनकी नीतियों की वजह से ही देश की ये हालत है. जिस समय हमारी बातचीत हुई और सीटें तय कीं उस समय हमने ये दो सीटें छोड़ने का फैसला किया, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं कांग्रेस के प्रति सॉफ्ट हूं.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने पहली बार खुलकर कांग्रेस पर निशाना साधा. जबकि इसके पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि कांग्रेस यूपी में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. जहां मजबूत नहीं हैं वहां कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी का वोट काटेंगे. इसके बाद महागठबंधन की पार्टियों सपा और बसपा ने प्रियंका गांधी की बातों को खारिज किया था, और पहली बार अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया है.
एक सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि आप मेरे पुराने भाषण उठाकर देख लीजिए मैंने हमेशा कहा है कि कांग्रेस देश की हर समस्या के लिए जिम्मेदार है. जब गठबंधन की बात हुई तब सपा और बसपा ने ही मिलकर कांग्रेस को दो सीटें दीं. जिस व्यक्ति ने हम और नेता जी पर पीआईएल की थी, वो कांग्रेस का आदमी है. जब लखनऊ में नॉमिनेशन होने वाला था वही व्यक्ति आया था. मुझे लगता है कि बीजेपी और कांग्रेस ने पीआईएल करने वाले समझौता कर रखा है.
जिस समय गठबंधन की बात चल रही थी, बहुजन समाज पार्टी से मध्य प्रदेश में उन्होंने गठबंधन नहीं किया, बल्कि तोड़ दिया. उसके बाद वही कांग्रेस के लोग मुझसे चाहते थे कि मैं गठबंधन कर लूं. मैंने कह दिया बिना बहुजन समाज पार्टी के मैं गठबंधन नहीं कर सकता हूं, और उसके बाद तीन सरकारें जो बन गईं जो कांग्रेस की उसके बाद को किसी को पीछे मुड़कर उन्होंने देखा ही नहीं. और जब पीछे मुड़कर नहीं देखा तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन लिया है. मैं तो कह रहा हूं कि बीजेपी है वही कांग्रेस है.
बहरहाल, यूपी में गठबंधन में बसपा ने 38 और समाजवादी पार्टी ने 37 सीट लड़ने का ऐलान किया था. कांग्रेस के लिए राहुल और सोनिया की अमेठी और रायबरेली की सीट छोड़ी थी. उधर, कांग्रेस ने जब सीटों का एलान किया तो अखिलेश और मायावती से जुड़ी समाजवादी पार्टी और बीएसपी के लिए सात सीटें छोड़ दीं. लेकिन इसके बावजूद दोनों खेमों ने सीधे आरोपों से परहेज किया था, लेकिन अचानक तलावर खींच लेने का मतलब कहीं ये तो नहीं दोनों को लगने लगा है कि सामने वाला उनके हितों के आड़े आ रहा है?
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर