Advertisement

कल्याण सिंह ने BJP कैंडिडेट सतीश गौतम का किया विरोध, इशारों में दिया बड़ा संदेश

मौजूदा वक्त में राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह ने दबे स्वर में ही सही लेकिन कहा है कि पार्टी ने ऐसे शख्स को टिकट दिया है जो कभी अतरौली गए ही नहीं. ना ही उन्होंने कोई काम कराया है, इसे लेकर पूरे जिले में काफी असंतोष है. कल्याण सिंह ने सतीश गौतम का विरोध कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को इंतजार करने को कहा है.

राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह (फाइल फोटो) राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

अलीगढ़ से बीजेपी नेता और मौजूदा सांसद सतीश गौतम की उम्मीदवारी का विरोध शुरू हो गया है.  सतीश गौतम की दावेदारी का यूपी बीजेपी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह ने विरोध किया है. मौजूदा वक्त में राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह ने दबे स्वर में ही सही लेकिन कहा है कि पार्टी ने ऐसे शख्स को टिकट दिया है जो कभी अतरौली गए ही नहीं. ना ही उन्होंने कोई काम कराया है, इसे लेकर पूरे जिले में काफी असंतोष है. कल्याण सिंह ने सतीश गौतम का विरोध कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को इंतजार करने को कहा है.

Advertisement

बता दें कि सतीश गौतम अलीगढ़ के गोंडा इलाके के रहने वाले हैं. सतीश गौतम ने नोएडा में राजनीति की है. बीजेपी में कई पदों पर रहने के बाद 2014 में पार्टी ने उन्हें अलीगढ़ से कैंडिडेट ने बनाया था. 2014 में मोदी लहर में सतीश गौतम ने 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. माना जाता है कि सतीश गौतम को कल्याण सिंह का समर्थन हासिल था. लेकिन पिछले 5 सालों में हालात बदले हैं. दोनों नेताओं के बीच पैदा हुई दूरी के बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि सतीश गौतम का पत्ता इस बार कट सकता है, लेकिन संगठन से नजदीकी कायम रख सतीश गौतम एक बार फिर से सांसदी का टिकट लेने में कामयाब रहे.

सतीश गौतम की उम्मीदवारी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले कुछ नेता-कार्यकर्ता कल्याण सिंह के घर पहुंचे. कार्यकर्ताओं की आवाज सुन कल्याण सिंह घर से बाहर निकले और कार्यकर्ताओं को पहले होली की शुभकामनाएं दी और कहा कि उन्होंने उनकी भावनाओं को समझ लिया है.

Advertisement

कल्याण सिंह ने कहा, "आपसे इतना ही कह सकता हूं कि कार्यकर्ताओं से भी राय पूछी जानी चाहिए थी, अब प्रत्याशी बना दिया है तो उसमें मैं और आप क्या कर सकते हैं. ऐसा है कि अतरौली में कभी सतीश गौतम गए ही नहीं, ना उन्होंने कोई काम कराया है. इसलिए पूरे जिले में इस टिकट को लेकर काफी असंतोष है. मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और इससे ज्यादा राजनीतिक टिप्पणी नहीं कर सकता. जो होगा देखा जाएगा,  इन्तजार करो, मैंने आपकी भावनाओं को दिल से दिमाग से, आत्मा से समझा है, क्या करना है, देखा जाएगा."

क्यों मायने रखता है कल्याण सिंह का विरोध

बता दें कि कल्याण सिंह बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं. कल्याण सिंह लोध समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. यूपी में इस समुदाय की आबादी 5 से 6 प्रतिशत है. लोध समुदाय बीजेपी का प्रबल समर्थक और परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. अलीगढ़, बुलंदशहर, एटा, इटावा, आंवला, बदायूं इन क्षेत्रों में इस जाति का अच्छा खासा वोट बैंक है, इस समुदाय के एकमात्र बड़े नेता होने की वजह से लोध समुदाय के लिए कल्याण सिंह की बातें और निर्देश अहमियत रखते हैं. लिहाजा, कल्याण सिंह की नाराजगी या सहमति का संदेश वोटरों में दूर तक जाता है. हालांकि संवैधानिक पद पर होने की वजह से कल्याण सिंह अभी खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement