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किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर भवानी मां होंगी प्रयागराज से AAP की प्रत्याशी

आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल इलाहाबाद लोकसभा सीट से किन्नर अखाड़ा की भवानी मां को अपना प्रत्याशी बनाय़ा है. इस सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे.

आम आदमी पार्टी के नेता संजय  सिंह और किन्नर अखाड़े की भवानी मांं (Courtesy- Twitter) आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और किन्नर अखाड़े की भवानी मांं (Courtesy- Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल इलाहाबाद लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए किन्नर अखाड़ा की भवानी मां को प्रत्याशी बनाया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे. इसके लिए 16 अप्रैल को अधिसूचना जारी की जाएगी.

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इलाहाबाद सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. ऐसे में इस सीट पर देशभर की निगाह रहती है. इस सीट से लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर मिश्रा जैसे दिग्गजों के साथ ही अभिनेता अमिताभ बच्चन यहां से सांसद रह चुके हैं.

फिलहाल इलाहाबाद सीट से श्यामाचरण गुप्त सांसद हैं. उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट से जीत दर्ज की थी. हालांकि अब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर लिया है. समाजवादी पार्टी ने उनको बांदा से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ लालगंज लोकसभा सीट से अजीत सोनकर, संभल लोकसभा सीट से अंजु सैनी और कानपुर देहात से आशुतोष ब्रह्मचारी को प्रत्याशी बनाया है.

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किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर भवानी मां को आम आदमी पार्टी में शामिल करते हुए संजय सिंह ने कहा, 'जिस किन्नर समाज की हर राजनीतिक पार्टी ने उपेक्षा की. हम उनके साथ हैं. मोदी सरकार तो एक बिल भी लाई थी, जिसमें वो किन्नरों को भिखारी की केटेगरी में रखना चाहती थी. अब किन्नर समाज की भवानी मां इलाहाबाद लोकसभा सीट से लड़ाई जीतेंगे.'

वहीं, आम आदमी पार्टी ज्वॉइन करने के बाद किन्‍नर अखाड़े की महामंडलेश्‍वर मां भवानी नाथ बाल्मीकि ने कहा, 'मैं किसी को हराने नहीं आई हूं. मैं जीतने आई हूं. हमारा मुद्दा बेरोजगारी, नोटबंदी और जो वादे किए गए थे, वो सब हैं.'

इलाहाबाद लोकसभा सीट पर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव और 3 बार उपचुनाव हो चुके हैं. साल 1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. साल 1952 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी श्रीप्रकाश ने कांग्रेस के टिकट इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 1957 में लाल बहादुर शास्त्री ने इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे और लगातार दो बार सांसद चुने गए थे. साल 1967 में हरिकृष्णा शास्त्री और साल 1971 में हेमवती नंदन बहुगुणा यहां से सांसद चुने गए थे.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इलाहाबाद लोकसभा सीट की आबादी 59 लाख 54 हजार 390 है. इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें मेजा, करछना, इलाहाबाद दक्षिण, बारा और कोरांव विधानसभा सीटें शामिल हैं. वर्तमान में इन पांच सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि करछना सीट सपा के पास है.

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