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शिवपाल यादव की पार्टी और पीस पार्टी में हुआ गठबंधन, अपना दल का भी मिला साथ

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) और पीस पार्टी के बीच मंगलवार को गठबंधन हो गया. इसकी घोषणा प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव व पीस पार्टी प्रमुख डॉ. अय्यूब ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के जरिए की. इस दौरान प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हम सभी सेकुलर दलों से गठबंधन करने को तैयार थे, लेकिन कई दलों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते गठबंधन से मना कर दिया.

शिवपाल यादव (फोटो-इंडिया टुडे) शिवपाल यादव (फोटो-इंडिया टुडे)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 19 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) और पीस पार्टी के बीच मंगलवार को गठबंधन हो गया. इसकी घोषणा प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव व पीस पार्टी प्रमुख डॉ. अय्यूब ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के जरिए की. इस दौरान प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हम सभी सेकुलर दलों से गठबंधन करने को तैयार थे, लेकिन कई दलों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते गठबंधन से मना कर दिया.

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उन्होंने आगे कहा कि ''मौजूदा भाजपा सरकार अब तक की सबसे निकम्मी सरकार है. इस सरकार ने युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को ठगने का काम किया है''. शिवपाल ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियों एवम आर्थिक कुप्रबंधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. आज के दौर में भाजपा हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि सपा, बसपा व कांग्रेस के निजी स्वार्थ की वजह से आज भाजपा के खिलाफ निर्णायक मोर्चा नहीं बन सका.

उन्होंने कहा कि सपा, बसपा व कांग्रेस के साथ मिलकर जो लड़ाई सामूहिक शक्ति से लड़ी जानी थी उसे कमजोर कर दिया गया. ये पार्टियां लगातार ड्राइंग रूम में बैठकर राजनीति कर रही हैं. आज जब विपक्ष को यह जरूरत है कि वह संसद से लेकर सड़क तक आम आदमी की आवाज़ बुलंद करे, तब ये पार्टियां ड्राइंग रूम में बैठकर सेकुलर शक्तियों के खिलाफ ही षडयंत्र कर रही हैं.

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शिवपाल ने आगे कहा कि मेरी तरफ से लगातार यह कोशिश रही है कि भाजपा के खिलाफ एक निर्णायक मोर्चा बने. हमने पिछले लोकसभा में भी एक बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ लोगों के स्वार्थ की वजह से यह संभव न हो सका. मैंने विभिन्न मंचों पर भाजपा के विरुद्ध एक कारगर महागठबंधन की कोशिश की थी. उसमें हिंदी पट्टी के सभी सेकुलर दलों को समाहित करने पर विचार किया गया था, लेकिन निजी स्वार्थ व सत्तालोलुपता की वजह से यह संकल्पना सफल नहीं हो पाई.

इसी को ध्यान में रखकर वर्तमान में भी सेकुलर मोर्चा के अंतर्गत सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले 40 विभिन्न दलों का एक गठबंधन बनाया है. जो लोहिया और गांधी के सपनों को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है. इस लोकसभा में भी मैंने सपा-बसपा गठबंधन से आग्रह किया था कि हमें भी इस गठबंधन में शामिल करो, लेकिन इनके स्वार्थ से यह संभव नहीं हो पाया. 

उन्होंने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अपने निर्माण की सीमित अवधि में अपने व्यापक जनाधार व लोकप्रियता के बल पर यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि प्रसपा के बिना में यूपी के राजनीतिक वातावरण में साम्प्रदायिक शक्तियों व सत्ता के विरुद्ध किसी भी मंच, गठबंधन या संघर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती. प्रसपा प्रदेश की एक बड़ी ताकत है और साम्प्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध सभी सीटों पर अकेले लड़ने में समर्थ है. कोई भी गठबंधन सैद्धांतिक सहमति व सम्मान के आधार पर ही तय होगा. इसी दौरान प्रसपा प्रमुख ने ऐलान किया कि उन्हें लोकसभा चुनाव में अपना दल के प्रमुख कृष्णा पटेल का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है.

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प्रेस कांफ्रेस के दौरान पीस पार्टी प्रमुख डॉ अय्यूब ने कहा कि अगर भाजपा को उखाड़ फेंकना है तो सभी सेकुलर दलों को एक मंच पर आना जरुरी है. मौजूदा सरकार ने देश की जो दुर्गति की है उसे बयां नहीं किया जा सकता. इस दौरान राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी अध्यक्ष गोपाल राय, रिपब्लिकन सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्याम कुमार, सुरेन्द्र सिंह (पीडीपी नेता), प्रसपा बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र आदि मौजूद रहे.

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