
कर्नाटक में मंड्या लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होंगे. तुमकुर की तरह मंड्या लोकसभा सीट भी कांग्रेस से समझौते के तहत जेडीएस के खाते में गई है. निखिल कुमारस्वामी कांग्रेस और जेडीएस के संयुक्त उम्मीदवार हैं. निखिल कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे हैं. निखिल कुमारस्वामी को बसपा, जदयू, समाजवादी पार्टी, इंडियन न्यू कांग्रेस पार्टी, ऐहरा नेशनल पार्टी समेत निर्दलीय उम्मीदवारों से चुनौती मिलने वाली है.
अतीत में देखें तो कर्नाटक की मांड्या लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और जेडीएस के बीच रहा है, हालांकि इस बार दोनों दल विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके लड़ रहे हैं.
मांड्या सीट पर अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिनमें 12 बार कांग्रेस को यहां से जीत मिली है. जेडीएस ने 3 बार यहां चुनाव जीता और 2 बार जनता दल, एक बार जनता पार्टी को मांड्या में सफलता मिली है. साल 1977 से पहले यह सीट मैसूर स्टेट का हिस्सा थी, इसके बाद कर्नाटक में शामिल हुई. इस सीट पर दो बार उपचुनाव भी हो चुके हैं. आजादी के बाद 1984 में पहली बार किसी गैर कांग्रेसी दल ने इस सीट से चुनाव जीता था और तब जनता पार्टी के के. वी. शंकरगौड़ा सांसद चुने गए थे.
बीते एक दशक से जेडीएस लगातार इस सीट से कांग्रेस को टक्कर दे रही है. 2014 में यहां से जेडीएस के सी. एस. पुट्टाराजू ने चुनाव जीता था, लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 2018 में यह सीट छोड़ थी. हालांकि मई 2018 में मांड्या सीट पर हुए उपचुनाव में फिर से जेडीएस के ही एल. आर. शिवराम गौड़ा यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. जेडीएस ने इस बार मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को मांड्या से टिकट दिया है.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी और जेडीएस नेताओं और कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में गठबंधन को जिताने के लिए मिलकर संघर्ष करने को कहा है, क्योंकि उनका लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देना है.
राहुल गांधी की एकता की अपील कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में इन चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है कि राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी के अंदर असंतोष से चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में मिलकर चुनाव लड़ रही है. शुरू में ही मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेडीएस के उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए और जेडीएस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को कांग्रेस प्रत्याशियों का समर्थन करना होगा.
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