
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को सरकारी प्रवक्ता ने खारिज कर दिया है. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के प्रधान महानिदेशक और केंद्र सरकार के प्रवक्ता सितांशु कार ने ट्विटर पर ऐसी सभी रिपोर्ट्स को आधारहीन बताया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''मीडिया के एक तबके में अरुण जेटली की स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने को लेकर जो खबरें चल रही हैं, वह पूरी तरह गलत और निराधार है.'' 23 मई को जब मुख्यालय में बीजेपी बंपर जीत का जश्न मना रही थी, तब अरुण जेटली AIIMS से डिस्चार्ज हुए थे. 24 मई को उन्होंने नई सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले 2019-20 के पूर्ण बजट को लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अपने घर पर बैठक की थी. वह रविवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से भी मिले. दास ने ट्वीट में बताया कि यह एक शिष्टचार भेंट थी.
कहा जा रहा है कि अरुण जेटली इस बार वित्त मंत्रालय नहीं संभालेंगे. पिछले तीन सप्ताह से वह दफ्तर भी नहीं आए. पेशे से वकील जेटली नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे अहम नेता हैं और कई मौकों पर वह सरकार के लिए संकट मोचक साबित हुए. खराब स्वास्थ्य के कारण वह अंतरिम बजट भी पेश नहीं कर पाए थे. उस दौरान पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था. इस बार वह लोकसभा चुनाव में भी खड़े नहीं हुए. साल 2014 का चुनाव उन्होंने अमृतसर से लड़ा था, जिसमें उन्हें मात मिली थी.
इसी साल 22 जनवरी को बाएं पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज कराने के लिए वह अमेरिका गए थे. वह स्किन ग्राफ्टिंग कराकर 9 फरवरी को भारत लौटे थे. पिछले महीने वह आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक ग्रुप स्प्रिंग मीटिंग में शामिल होने अमेरिका गए थे. कहा गया था कि वह दोबारा इलाज कराने गए हैं. जेटली ने खराब स्वास्थ्य के कारण अप्रैल 2018 को वित्त मंत्रालय आना छोड़ दिया था. 23 अगस्त 2018 को दोबारा उन्होंने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला. 14 मई को जेटली ने दिल्ली के एम्स में रेंटल ट्रांसप्लांट कराया था. सितंबर 2014 में उन्होंने वजन ठीक कराने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी कराई थी, जो डायबीटीज के कारण बढ़ गया था.