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अरुणाचल पूर्व लोकसभा सीट: BJP का पुराने तो कांग्रेस का नए चेहरे पर दांव

पहले चरण के चुनावों में 20 राज्यों की कुल 91 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें से अरुणाचल प्रदेश की अरुणाचल पूर्व भी एक है. यहां से उम्‍मीदवारों की किस्‍मत का फैसला 11 अप्रैल को होगा और नतीजे 23 मई को आएंगे.

सांकेतिक तस्‍वीर सांकेतिक तस्‍वीर
राहुल झारिया
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

देश में लोकतंत्र के महाकुंभ यानी आम चुनावों की घोषणा की जा चुकी है. चुनाव आयोग ने देश की 543 संसदीय सीटों पर सात चरणों में चुनाव कराए जाने का ऐलान कर दिया है. नई सरकार बनाने के लिए 11 अप्रैल से प्रक्रिया की शुरुआत की जानी है. जिसमें 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, ये चुनाव का पहला चरण होगा. अंतिम चरण में वोटिंग 19 मई को होगी, जिसके बाद पूरे देश के चुनाव नतीजों का ऐलान 23 मई को किया जाएगा.

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पहले चरण के चुनावों में 20 राज्यों की कुल 91 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें से अरुणाचल प्रदेश की अरुणाचल पूर्व सीट भी एक है. इस संसदीय सीट से नामांकन रद्द होने और नाम वापस लेने की प्रक्रिया के बाद फाइनल नामों को चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल चुकी है,  जिनमें बीजेपी से तापिर गाओ,  कांग्रेस से लवांगछा वांगलात,  पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल से मोंगोल योसमो, जनता दल(सेक्युलर) से बेंडे मिल और निर्दलीय उम्मीदवार सीसी सिंगफों का नाम शामिल है.

साल 2014 का जनादेश

अरुणाचल प्रदेश पूर्व संसदीय क्षेत्र से साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के निनोंग इरिंग ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी तापिर गाओ को 12 हजार 478 वोटों से हराया था.  इस चुनाव में निनोंग इरिंग को एक लाख 18 हजार 455 वोट यानी 45.02 फीसदी वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी तापिर गाओ को एक लाख पांच हजार 977 वोट मिले थे.

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इस सीट पर कुल 3 लाख 12 हजार 704 वोटर है. इनमें से पुरुष वोटरों की संख्या एक लाख 26 हजार 888 है, जबकि महिला वोटरों की संख्या एक लाख 28 हजार 574 है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख 63 हजार 157 यानी फीसदी वोट पड़े थे.

अरुणाचल प्रदेश में 60 सदस्यीय विधानसभा है, जिनमें से विधानसभा की 27 सीटें अरुणाचल पूर्व संसदीय क्षेत्र में आती है. साल 2014 के अरुणाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48 सीटों, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 5 और कांग्रेस पार्टी को 5 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक भी जीते थे. इसके बाद बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सूबे में सरकार बना ली थी.

गौरतलब है कि चुनाव के पहले चरण में 18 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद 25 मार्च को नामां‍कन की आखिरी तारीख थी. दूसरे दिन स्‍क्रूटनी के बाद तय नामों पर 11 अप्रैल को संसदीय क्षेत्र के मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्‍याशी के नाम पर मुहर लगाएंगे.

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