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असम की बारपेटा सीट, जहां मोदी लहर भी रही बेअसर, BJP का अब तक नहीं खुला खाता

कांग्रेस के प्रभाव वाली इस सीट पर पहली बार एआईयूडीएफ ने यहां से खाता खोला. 16वें लोकसभा चुनाव में एआईयूडीएफ प्रत्याशी सिराजुद्दीन अजमल ने यहां से बीजेपी प्रत्याशी चंद्रमोहन पतोवारी को 42341 मतों से हराया.

असम की बारपेटा सीट पर अब तक बीजेपी खाता नहीं खोल सकी है. फोटो रॉयटर्स असम की बारपेटा सीट पर अब तक बीजेपी खाता नहीं खोल सकी है. फोटो रॉयटर्स
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST

असम की बारपेटा संसदीय सीट पर कांग्रेस की काफी पकड़ है. यहां पर अब तक कांग्रेस 10 बार जीत चुकी है. 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां की 10 में से 5 सीटों पर कांग्रेस का ही कब्जा है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी का अब तक यहां खाता नहीं खुला है. 2014 में मोदी लहर का यहां कोई असर नहीं दिखा. बीजेपी यहां तीन बार (1998, 1999 और 2014) दूसरे नंबर की पार्टी रह चुकी है, लेकिन अब तक इस सीट पर उसका खाता नहीं खुला है. देश के 5वें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद 1967 और 1971 में लगातार दो बार बारपेटा से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जीते. 1974 से 77 तक वे देश के 5वें राष्ट्रपति रहे.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

कांग्रेस की इस सीट पर शुरू से पकड़ मजबूत रही थी. 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 1980 तक के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा. कांग्रेस के इस 'तिलिस्म' को 1991 में सीपीआई नेता उद्धब बर्मन ने तोड़ा. वे लगातार दो बार 1991 और 1996 में यहां से चुनाव जीते. इसके बाद कांग्रेस ने फिर यहां वापसी की. 1998 से 2009 तक लगातार चार चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. कांग्रेस प्रत्याशी एएफ गोलाम ओस्मानी लगातार तीन बार जीते. 2009 का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी इस्माइल हुसैन ने असम गण परिषद के प्रत्याशी भूपेन रॉय को 30 हजार 429 मतों से हराया. 2014 में एआईयूडीएफ ने यहां खाता खोला. एआईयूडीएफ प्रत्याशी सिराजुद्दीन अजमल ने यहां जीत दर्ज की.

बारपेटा संसदीय सीट में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं. इनमें सर्वाधिक 5 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.

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अभयपुरी नॉर्थ - कांग्रेस

जनिया - कांग्रेस

बाघबार - कांग्रेस

सारुखेत्री - कांग्रेस

छेंगा- कांग्रेस

बोंगईगांव - AGP

पटाचारकुची - AGP

बारपेटा - AGP

धर्मापुर - BJP

अभयपुर साउथ - AIUDF

सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के अनुसार असम की बारपेटा सीट पर जनसंख्या 24 लाख 129 थी. इसमें 90.37 फीसदी ग्रामीण और 9.63 फीसदी शहरी लोग थे. इसमें 7.71 फीसदी एससी और 2.91 फीसदी एसटी हैं.

2018 की वोटरलिस्ट के हिसाब से 16 लाख 20 हजार 114 मतदाता हैं. इस सीट पर 2009 में कुल 72.7 फीसदी मतदान हुआ था जो 2014 में बढ़कर 84.4 फीसदी हो गया था.  इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख 30 हजार 188 थी, जिसमें 7 लाख 55 हजार 566 पुरुष और 6 लाख 74 हजार 622 महिला मतदाता हैं.

2014 का जनादेश

कांग्रेस के प्रभाव वाली इस सीट पर पहली बार एआईयूडीएफ ने यहां से खाता खोला. 16वें लोकसभा चुनाव में एआईयूडीएफ प्रत्याशी सिराजुद्दीन अजमल ने यहां से बीजेपी प्रत्याशी चंद्रमोहन पतोवारी को 42341 मतों से हराया. सिराजुद्दीन को 3 लाख 94 हजार 702 मत मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी चंद्रमोहन को कुल तीन लाख 52 हजार 361 वोट मिले. तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी इस्माइल हुसैन को कुल 2 लाख 77 हजार 802 वोट मिले. 8 हजार 785 लोगों ने यहां किसी भी प्रत्याशी को नहीं चुना, यानि उन्होंने नोटा का बटन दबाया.

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सांसद का रिपोर्ट कार्ड

AIUDF के 61 वर्षीय सांसद सिराजुद्दीन अजमल इंटरमीडिएट पास हैं. तीन बेटों के पिता सिराजुद्दीन अजमल की संसद में उपस्थिति काफी कम रही है. वे महज 33.96 फीसदी यानि 109 दिन ही संसद पहुंचे. इन्होंने संसद में 285 सवाल पूछे हैं. 31 बहसों में इन्होंने हिस्सा लिया है. अपनी सांसद निधि में से 86.64 फीसदी हिस्सा यानि 21.66 करोड़ रुपये वे खर्च कर चुके हैं. बारपेटा से सांसद सिराजउद्दीन अजमल के पास अचल संपत्ति 11 करोड़ 23 लाख 84 हजार 451 रुपये और चल संपत्ति 55 करोड़ 84 लाख 22 हजार 156 रुपये है.

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