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लोकसभा चुनाव: असम की Tea सिटी डिब्रूगढ़, बीजेपी ने ढहा दिया 'कांग्रेसी किला'

असम का डिब्रूगढ़ जिला चाय के बागानों के लिए विश्वविख्यात है. इसे टी सिटी भी कहते हैं. बीते वर्ष 25 दिसंबर को ही पीएम मोदी ने डिब्रूगढ़ में देश का सबसे लंबा और एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-सड़क पुल बोगीबील ब्रिज का उद्घाटन किया था.

असम की डिब्रूगढ़ सीट पर पिछले कुछ समय में बीजेपी ने अच्छी पकड़ बना ली है. असम की डिब्रूगढ़ सीट पर पिछले कुछ समय में बीजेपी ने अच्छी पकड़ बना ली है.
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामेश्वर तेली ने बड़ी जीत दर्ज की थी. राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल भी इस सीट पर 2004 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. कभी इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन बीते कुछ समय से यहां बीजेपी ने अच्छी पकड़ बनाई है.

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डिब्रूगढ़ संसदीय सीट की कुल 9 विधानसभा सीटों में से 8 पर बीजेपी और एक पर असम गण परिषद काबिज है. इसमें मोरन BJP, डिब्रूगढ़ BJP, लाहोवाल पर बीजेपी, दूलियाजन पर बीजेपी, टिंगखोंग पर बीजेपी, नहरकटिया पर असम गण परिषद, तिनसुकिया पर बीजेपी, दिगबोई औरमरघरिटा पर बीजेपी है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जोगेंद्र नाथ हजारिका ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी. 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 1967 के चुनाव तक वे ही जीते थे. इसके बाद 1971 में भी कांग्रेस प्रत्याशी रबिंद्रनाथ ककोटी जीते थे. 1977 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाले हरेन भूमिज ने 1985 का चुनाव असम गण परिषद के टिकट से जीता था. 1991 से 1999 तक ये सीट फिर कांग्रेस के पास रही. यहां से पबन सिंह घटोवार लगातार चार बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. 2004 के चुनाव में सर्बानंद सोनोवाल ने असम गण परिषद के टिकट से चुनाव जीता. 2009 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पबन सिंह ने जीत दर्ज की. उन्होंने एजीपी प्रत्याशी सर्बानंद सोनोवाल को 35143 वोटों से हराया था.

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सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के अनुसार डिब्रूगढ़ सीट पर कुल 19 लाख 37 हजार 415 जनसंख्या थी. इसमें से 76.38 फीसदी ग्रामीण आबादी और 23.62 प्रतिशत आबादी शहरी थी. इसमें 3.66 प्रतिशत लोग एससी और 6.54 फीसदी आबादी एसटी है. 2014 के चुनाव के वक्त इस सीट पर 11 लाख 24 हजार 305 मतदाता थे, जिनमें पुरुष 5 लाख 79 हजार 658 और महिला मतदाता 5 लाख 44 हजार 647 हैं. 2014 में 16 हजार 809 लोगों  ने नोटा का बटन दबाया था.

2014 का जनादेश

2014 का लोकसभा चुनाव डिब्रूगढ़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामेश्वर तेली ने जीता था. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पबन सिंह को 1 लाख 85 हजार 347 मतों से हराया था. रामेश्वर को कुल 4 लाख 94 हजार 364 वोट मिले थे, जबकि पबन सिंह को तीन लाख नौ हजार 17 वोट मिले थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

डिब्रूगढ़ सीट से 53 साल के सांसद रामेश्वर तेली की संसद में उपस्थिति 91.28 फीसदी के साथ 293 दिन थी. उन्होंने संसद में 93 सवाल किए, जबकि 74 बहसों में हिस्सा लिया. उन्होंने 25 करोड़ की अपनी सांसद निधि में से 45.36 फीसदी यानि 11.34 करोड़ रुपए ही खर्च किए. डिब्रूगढ़ से सांसद रामेश्वर तेली के पास चल संपत्ति 2 लाख 27 हजार 943 रुपये और अचल संपत्ति साढे़ सात लाख की है.

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टी सिटी के नाम से विख्यात है डिब्रूगढ़

असम का डिब्रूगढ़ जिला चाय के बागानों के लिए विश्वविख्यात है. इसे टी सिटी भी कहते हैं. बीते वर्ष 25 दिसंबर को ही पीएम मोदी ने डिब्रूगढ़ में देश का सबसे लंबा और एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-सड़क पुल बोगीबील ब्रिज का उद्घाटन किया था. असम की ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस बोगीबील पुल की लंबाई 4.94 किलोमीटर है.

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