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आजमगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की गई है. आरोप लगाया गया है कि निरहुआ पर मुंबई में एक केस दर्ज हुआ था, जिसका जिक्र उन्होंने नामांकन दाखिल करते वक्त नहीं किया था. निरहुआ के खिलाफ जानकारी छिपाने के आरोप में चुनाव आयोग में शिकायत की गई है. शशिकांत सिंह नाम के शख्स ने निरहुआ के खिलाफ शिकायत दी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सीट से बीजेपी ने भोजपुरी सिने स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतारा है. टिकट मिलने के बाद निरहुआ ने कहा था 'मैं पीएम मोदी को हारने नहीं दूंगा. सबसे पहले मैंने आजमगढ़ फिल्म बनाई. आजमगढ़ में मेरे सबसे ज्यादा सहयोगी हैं.'
2014 में इस सीट से सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैदान में उतरे थे. उन्हें उनके ही शागिर्द रहे रमाकांत यादव ने कड़ी टक्कर दी थी. मुलायम को 3.40 लाख और रमाकांत को 2.77 लाख वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर बीएसपी के गुड्डू जमाली को 2.66 लाख मिले थे. इस बार रमाकांत यादव के साथ मुलायम सिंह यादव भी मैदान में नहीं हैं. इस बार आजमगढ़ से खुद अखिलेश यादव ने उतरने का फैसला लिया है. आजमगढ़ में यादव, मुस्लिम और दलित समुदाय की आबादी ज्यादा है. यह सभी सपा और बसपा के पारंपरिक वोटर माने जाते हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के जरिए यादव वोटरों के बिखराव और पिछड़े तबके के वोटों के जुड़ाव के जरिए अखिलेश यादव को मात देने का जो प्लान बनाया है, वह कामयाब होता है या नहीं.
आजमगढ़ की राजनीतिक और जातीय समीकरण सपा के पक्ष में नजर आ रही है. आजमगढ़ में यादव, मुस्लिम और दलित समुदाय की आबादी ज्यादा है. गैर-यादव ओबीसी की तादाद भी अच्छी खासी है, जो पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ थे. इसी का नतीजा है कि आजमगढ़ संसदीय सीट के तहत आने वाली पांच में से किसी भी सीट पर बीजेपी नहीं जीत सकी थी. जबकि गोपालपुर, आजमगढ़ और मेहनगर में सपा सगड़ी और मुबारकपुर में बसपा का कब्जा है.
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