
बापटला लोकसभा सीट को 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. इस बार 11 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले यहां काफी गहमा-गहमी है. ये लोकसभा सीट गुंटूर और प्रकाशम जिलों में फैला है.
इस बार टीडीपी ने इस सीट से मौजूदा सांसद मलयाद्रि श्रीराम को टिकट दिया है. जबकि YSRCP ने इस सीट से सुरेश बाबू को टिकट दिया है. यहां के समीकरण पर नजर डालें तो इस बार भी यहां मुख्य मुकाबला वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के बीच है. कांग्रेस ने इस सीट से जेसूदास सीलम को कैंडिडेट बनाया है. जबकि बीजेपी ने किशोर कुमार को इस सीट से उतारा है. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी भी चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने के दवानंद को यहां से मैदान में उतारा है. इसके अलावा इस सीट से ऑल इंडिया प्रजा पार्टी, पिरामिड पार्टी ऑफ इंडिया, नवोदयम पार्टी भी चुनाव लड़ रहे हैं.
सामाजिक ताना-बाना
बापटला लोकसभा क्षेत्र में 84.47 फीसदी लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं, वहीं शेष बचे लोग शहरी क्षेत्र में रहते हैं. अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक यहां की 23.83 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति यानी एससी और 4.74 फीसदी लोग अनुसूचित जनजाति यानी एसटी है. 2014 में हुए आम चुनाव के मुताबिक इस लोकसभा सीट पर 13,92,964 वोटर हैं, जिसमें 6,86,494 पुरुष और 7,06,453 महिलाएं शामिल हैं. 2014 के आम चुनाव में इस सीट पर 85.16 फीसदी वोटिंग हुई. बापटला लोकसभा में 7 विधानसभाएं आती हैं. इसमें वेमुरु और संथानुथालापाडु आरक्षित सीटें हैं. 7 सीटों में से 3 (वेमुरु, रेपल्ली, परचुर) टीडीपी के पास हैं, वहीं 3 (बापटला, अड्डांकी, संथानुथालापाडु) पर वाईएसआर कांग्रेस के विधायक हैं. इसके अलावा चिरला विधानसभा सीट एनपीटी के पास है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
आंध्र प्रदेश की बापटला लोकसभा सीट पर वर्तमान में TDP का कब्जा है. हालांकि, इस सीट पर अभी तक हुए 11 आम चुनावों में कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है. वहीं, वाईएसआर कांग्रेस को यहां से एक बार भी जीत नहीं मिल सकी है. 2014 के आम चुनाव में वाईएसआर ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी. वाईएसआर कांग्रेस के अस्तित्व में आने के बाद पूरे प्रदेश में कांग्रेस का प्रभाव तेजी से नीचे गिरा है. यही कारण है कि 2014 के आम चुनाव में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार 2 फीसदी तक ही वोट हासिल कर सके. इस सीट पर 1977 में पहली बार आम चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, टीडीपी की स्थापना के बाद से दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों का आना जाना लगा रहा है. 11 बार के आम चुनावों में कांग्रेस ने 6 बार जीत हासिल की. वहीं, 5 बार यह सीट टीडीपी के पास रही.
2014 का जनादेश
बापटला लोकसभा सीट से टीडीपी सांसद मल्याद्री श्रीराम ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने विरोधी वाईएसआर कांग्रेस उम्मीदवार वरीकुटी अमरुथापानी को 32,754 वोटों के अंतर से हाराया था. इस दौरान टीडीपी को सबसे ज्यादा 48.74 फीसदी वोट, वाईएसआर कांग्रेस को 45.98 फीसदी वोट और तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 1.95 फीसदी वोट मिले. इस चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार मल्याद्री श्रीराम ने 35,754 वोटों के अंतर जीत दर्ज की थी.
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