
मकर संक्रांति के मौके पर बिहार कांग्रेस ने आरजेडी समेत महागठबंधन के सभी दलों को चूड़ा दही के भोज पर आमंत्रित किया था. कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में दिए गए इस भोज में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा समेत विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी पहुंचे. हालांकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
खाने की टेबल पर तो महागठबंधन के सभी नेताओं ने भरपूर एकजुटता दिखाने की कोशिश की. पर जैसे ही तेजस्वी यादव सदाकत आश्रम से विदा हुए, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने महागठबंधन में सीटों के तालमेल को लेकर आंख दिखाना शुरू कर दिया.
आजतक से बातचीत करते हुए मदन मोहन झा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को कम आंकने की गलती की है जिसका खामियाजा उसे लोकसभा चुनाव में भुगतना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में सीटों के तालमेल की जब बात होगी तो केवल कांग्रेस ही कुर्बानी नहीं देगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में आरजेडी को भी कुर्बानी देनी पड़ेगी.
बता दें कि सोमवार को तेजस्वी यादव ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सीटों को लेकर महागठबंधन के सभी दलों को कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से दोहराया कि कांग्रेस बिहार महागठबंधन का मजबूत हिस्सा है.
दरअसल बिहार में सीटों के तालमेल के ऐलान से पहले कांग्रेस और आरजेडी दोनों एक दूसरे को लगातार संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी दल खुद को इस महागठबंधन में बड़ा भाई समझने की भूल ना करे.
सूत्रों के मुताबिक बिहार में महागठबंधन में सीटों का ऐलान जल्द हो सकता है. यहां पर सीट बंटवारे का फार्मूला तैयार हो चुका है. इसके मुताबिक आरजेडी 18-20 सीट, कांग्रेस 8 -12, आरएलएसपी 4-5, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और लोकतांत्रिक जनता दल को 1-2 सीट मिल सकती है. माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए 3 सीट की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी होती नहीं दिख रही है. लिहाजा वह नाराज हैं. इसी कारण से उन्होंने कांग्रेस के चूड़ा दही दावत से खुद को अलग रखा.
वहीं 4.5 साल तक NDA का हिस्सा रहे उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस के चूड़ा दही कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद कहा कि उन्हें पिछले 4 साल में NDA नेताओं की तरफ से चूड़ा दही कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिलता रहा है मगर वह कभी भी ऐसे कार्यक्रमों में नहीं गए.