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बिहार में सीट बंटवारे पर पेच, 12-8 के फेर में फंसी कांग्रेस

बिहार में महागठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेच फंस गया है. राज्य की कुल 40 लोकसभा सीटों में से आरजेडी कम से कम 20 सीटें अपने पास रखना चाहती है. बाकी बची सीटों को सहयोगी दलों के लिए छोड़ रही है. वहीं, कांग्रेस 12 सीटें मांग रही है, पर आरजेडी उसे महज 8 सीटें ही देना चाहती है.

सीताराम येचुरी, तेजस्वी यादव, शरद यादव, राहुल गांधी (फोटो-फाइल) सीताराम येचुरी, तेजस्वी यादव, शरद यादव, राहुल गांधी (फोटो-फाइल)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

लोकसभा चुनाव 2015 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को बिहार में मात देने के लिए कांग्रेस, आरजेडी सहित कई छोटे दलों ने मिलकर महागठबंधन बना लिया है. प्रदेश में एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग तय है, जबकि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है. अभी तक कोई फार्मूला सामने नहीं आया है.

बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से आरजेडी कम से कम 20 सीटें अपने पास रखना चाहती है. बाकी बची सीटों को सहयोगी दलों के लिए छोड़ रही है. वहीं, कांग्रेस 12 सीटें मांग रही है पर आरजेडी उसे महज 8 सीटें ही देना चाहती है. हालांकि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात के बाद ही तय कर दिया था कि 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस के 12 सीटों की डिमांड के बाद मामला अभी तय नहीं हो सका.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 3 फरवरी को बिहार में पटना के गांधी मैदान से 2019 लोकसभा का चुनावी बिगुल फूकेंगे. माना जा रहा है कि राहुल के बिहार दौरे के बाद ही महागठबंधन के सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा की जा सकती है.

दरअसल कांग्रेस बिहार में 2014 के लोकसभा चुनाव में 12 संसदीय सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी और 2 सीटें जीतने में सफल रही थी. यही वजह है कि कांग्रेस इस बार भी 12 सीटों पर दावा ठोक रही है. आरजेडी पिछले लोकसभा चुनाव में 27 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 4 सीटें जीती थी. हालांकि आरजेडी का तर्क है कि इस बार कई अन्य दल महागठबंधन का हिस्सा बने हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों को समझौते करने होंगे.

दरअसल महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी के अलावा आरएलएसपी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी, हम (सेकुलर) के अध्यक्ष तथा पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल के शरद यादव और वामपंथी सीपीआई (एमएल लिबरेशन) शामिल हैं. इसके अलावा राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के भी शामिल होने की बात भी कही जा रही है.

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एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बने उपेंद्र कुशवाहा 5 लोकसभा सीटें मांग रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उनके कोटे में 4 सीटें आ सकती है. वहीं, शरद यादव भी 3 सीटों की डिमांड कर रहे हैं, पर उन्हें मधेपुरा सीट से संतोष करना पड़ सकता है. इसके अलावा मांझी भी 3 सीटों पर अड़े हुए हैं, लेकिन उन्हें भी 1 ही सीट मिल सकती है.

हाल ही में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बसपा अध्यक्ष मायावती से मुलाकात की है. ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा को भी बिहार में महागठंधन का हिस्सा बनाया जा सकता है. इस तरह कम से कम एक सीटें बसपा के खाते में जाना तय है. इसी तरह से लेफ्ट को एक और एक सीट मुकेश साहनी को दी जा सकती है. 

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