Advertisement

बिहार में करारी हार के बाद RJD ने किया 3 सदस्यीय टीम का गठन

आरजेडी नेता महेश यादव ने सोमवार को कहा था कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को शर्मनाक हार की जिम्मेदारी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो) तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
aajtak.in/पुनीत सैनी
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2019,
  • अपडेटेड 7:03 PM IST

आरजेडी की समीक्षा बैठक खत्म हो गई है. इसमें 3 सदस्य टीम का गठन किया गया है जो 1 हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंप देगी कि आखिर आरजेडी की हार की वजह क्या थी. इस टीम में 3 सदस्य हैं- जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी और आलोक मेहता. इस समिति के अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं.

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी में अब विचार-विमर्श शुरू हो गया है. लालू यादव-राबड़ी देवी के निवास स्थान पर पार्टी की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में हारने वाले सभी 19 आरजेडी उम्मीदवार शामिल थे. इसके अलावा पार्टी के मुख्य नेता राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी इस बैठक में शामिल हुए.

Advertisement

तेजस्वी के नेतृत्व पर पूछे गए सवाल के जवाब में आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठाया जा रहा है और वह अपने पद पर बने रहेंगे. गुलाब यादव, झंझारपुर लोकसभा उम्मीदवार ने भी कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है.

आरजेडी को इन चुनावों में करारी हार का मुंह देखना पड़ा है. बिहार की 40 सीटों में से पार्टी के हाथ एक भी सीट नहीं लगी. इसके बाद पार्टी में कलह की खबरें आनी शुरू हो गई थीं. आरजेडी नेता महेश यादव ने सोमवार को कहा था कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को शर्मनाक हार की जिम्मेदारी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. यादव ने कहा था, लोग अब वंशवाद की राजनीति से परेशान हो चुके हैं. मैं नाम नहीं लूंगा लेकिन ऐसे कई विधायक हैं, जो अब घुटन महसूस कर रहे हैं.

Advertisement

यादव ने कहा था कि अगर कोई राजनेता एक पार्टी में एक ही जगह रहते हुए सच न बोले तो वह नेता और पार्टी खत्म हो जाती है.  जब लालू यादव ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था, जब भी मैंने इसे गलत कदम बताया था. मैंने कहा था कि इससे पार्टी को नुकसान होगा. पिछले कुछ समय में विधानसभा में पार्टी 22 सीटों तक सिमट गई है. लोकसभा में सिर्फ 4 सीटें बची हैं.

 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. एनडीए ने गठबंधन का सूपड़ा साफ करते हुए 40 में से 39 सीट जीत लीं. आरजेडी एक सीट भी नहीं जीत पाई. उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को केवल एक सीट पर विजय हासिल हुई. बीजेपी ने बिहार में अपने हिस्से की सभी 17 सीटों पर कब्जा किया. जनता दल यूनाइटेड को 16 और लोक जनशक्ति पार्टी को 6 सीट मिलीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement