
बिष्णुपुर पश्चिम बंगाल का एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. पहले इसे विष्णुपुर के नाम से जाना जाता था. इस संसदीय सीट का गठन 1962 में हुआ था. परंपरागत रूप से देखा जाए तो पूरे देश की तरह पश्चिम बंगाल की इस सीट पर भी कांग्रेस का सांसद जीतता रहा लेकिन बाद में इस सीट पर सीपीआई (एम) का कब्जा हो गया.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
1962 और 1967 के चुनाव में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पशुपति मंडल ने चुनाव जीता. इसके बाद सीपीएम ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली. 1971, 77, 1980 और 1984 में यहां सीपीएम के अजीत कुमार साहा जीते. पूरे देश में जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की हर चल रही थी पश्चिम बंगाल में उसका कोई खास असर नहीं देखा गया. 1989 और 1991 में यहां से सीपीएम के सुकेंदु खान बिजयी रहे.
1996, 1998 और 1999 में यहां से सीपीएम के संध्या बौराई को विजय मिली. 2004 और 2009 में यह सीट सीपीएम के पास ही रही. और यहां से सुष्मिता बौराई को जीत मिलती रही. 2014 में यहां से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सौमित्र खान ने विजय हासिल की.
सामाजिक ताना बाना
बिष्णुपर संसदीय क्षेत्र पश्चिम बंगाल के बांकुरा और बर्धमान जिले में आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 2090451. इसमें 93.73 फीसदी आबादी ग्रामीण है जबकि 6.27 फीसदी आबादी शहरी. अनुसूचित जाति और जनजाति का रेश्यो यहां पर 37 और 3.65 फीसदी है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां मतदाताओं की संख्या 1557478 है.
इस संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं.
1-बजोरा से CPM के सुजीत चक्रबर्ती जीते हैं.
2- ओंडा से AITC के अरूप कुमार विधायक हैं.
3-बिष्णुपुर से AITC के कांति भट्टाचार्य को विजय मिली है.
4-कातुलपुर (एससी) से AITC के श्यामल संत्रा विधायक हैं.
5- इंडास (एससी) से AITC के गुरपदा मेते विधायक हैं.
6- सोनामुखी (एससी) से CPM के अजीत रे जीते हैं.
7- खंडाघोष (एससी) से AITC के रबींद्र चंद्रबाग विधायक हैं.
कैसा रहा 2104 का चुनाव
2103 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्राधनमंत्री पद का दावेदार घोषित किया. इसके बाद से मोदी ने पूरे देश में रैलियों का झड़ी लगा दी. बीजेपी को भरोसा था कि वह पश्चिम बंगाल में भी परचम लहरा देगी लेकिन ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के रथ को पश्चिम बंगाल में रोक दिया. बिष्णुपुर में भी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सोमित्र खान बिजयी रहे. उन्होंने सीपीएम के सुष्मिता बौराई को हराया.
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सोमित्र खान को 578870 वोट मिले तो सीपीएम को 429185 वोट मिले. 2014 के चुनाव में यहां 86.72 फीसदी वोटिंग हुई थी जबकि 2009 में 85.16 फीसदी. 2104 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 45.51 फीसदी, सीपीएम को 33.74 फीसदी और बीजेपी क 14.11 फीसदी और कांग्रेस को मात्र 2.13 फीसदी वोट मिले थे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सौमित्र खान यहां से सांसद हैं.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
सौमित्र खान ब सांसद चुने गए तो उनकी उम्र 38 साल थी. उनकी संसद में हाजिरी 72.44 फीसदी रही. इन्होंने 15 सवाल पूछे, कुल 11 डिबेट में हिस्सा लिया. यह कोई प्राइवेट मेंबर बिल नहीं ला पाए. संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए इन्हें कुल 25 करोड़ रुपये मिले थे जिसमें से इन्होंने 12.28 करोड़ खर्च किए यानी कुल 49.12 फीसदी राशि खर्च कर पाए.