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ममता बनर्जी पर बनी फिल्म 'बाघिनि' की रिलीज डेट पर विवाद, BJP पहुंची चुनाव आयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक "बाघिनि" का मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा है. भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत दी है.

ममता बनर्जी पर बनी फिल्म बाघिनि का पोस्टर ममता बनर्जी पर बनी फिल्म बाघिनि का पोस्टर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक "बाघिनि" का मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा. भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत दी है. बता दें कि यह बायोपिक 3 मई को रिलीज होनी है.

बीजेपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए बाघिनि फ़िल्म को रिव्यू करने की मांग की है. इसके बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक बाघिनि को भी उसी तर्ज पर चुनाव आयोग देखे जिस तर्ज पर पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक को देखा जा रहा है.

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गौरतलब है कि बीजेपी ने एक अन्य मामले में भी चुनाव आयोग को शिकायत दी है, जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी सांसस सौगात रॉय ने दमदम (पश्चिम बंगाल) लोकसभा सीट पर बांग्लादेशी गाजी नूर से चुनाव प्रचार करवाया है. बीजेपी ने पत्र में लिखा है कि वह सबूत के लिए आयोग को रोड शो का 2 घंटे का वीडियो पेन ड्राइव में संलग्न कर रही है. साथ ही पत्र में गाजी नूर के स्क्रीन शॉट का भी जिक्र है.

पश्चिम बंगाल में 7 मई और 12 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग है. ऐसे में ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक कुछ ही दिन पहले रिलीज हो रही है, इसे देखते हुए बीजेपी ने आपत्ति जाहिर की है. हालांकि, फिल्म के डायरेक्टर रूमा चक्रवर्ती का कहना है कि ये बायोपिक नहीं, बल्कि फिल्म है.

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गौरलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी' 5 अप्रैल को रिलीज होनी थी, लेकिन बाद में तारीख बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर बनी फिल्म पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद फिल्म निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी. याचिका पर 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि चुनाव आयोग पीएम मोदी की बायोपिक को देखे और फिर फैसला ले कि उस पर प्रतिबंध लगना चाहिए या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि वह अपना जवाब 22 अप्रैल तक सीलबंद लिफाफे में दे.

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