
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बीजेपी की पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित रथ यात्रा को रेड सिग्नल दिखाए जाने के बाद पार्टी ने अब वैकल्पिक प्लान को अमली जामा पहनाना शुरू किया है. इसके तहत राज्यभर में जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा. नए प्लान के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में 5 जनसभाओं को संबोधित करेंगे जिनकी शुरुआत 20 जनवरी से होगी. बता दें कि ममता बनर्जी 19 जनवरी को तमाम विपक्षी पार्टियों की कोलकाता में मेगा रैली करने जा रही हैं.
बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह 20 जनवरी को माल्दा जिले में रैली से शुरुआत करेंगे. अगले दिन 21 जनवरी को शाह बीरभूम के सूरी में जनसभा को संबोधित करेंगे. पड़ोसी जिले झारग्राम में भी उसी दिन शाह रैली को संबोधित करेंगे. 22 जनवरी को बीजेपी अध्यक्ष दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं से रू-ब-रू होंगे. इसी दिन नादिया जिले के कृष्णानगर में भी अमित शाह रैली को संबोधित करेंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा, 'कोर्ट ने हमारी यात्रा का विरोध किया है इसलिए अब इसे (रैली को) 'गणतंत्र बचाओ सभा' कहा जाएगा.'
दिलीप घोष के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कोलकाता में जनसभा करने का आग्रह किया गया है. बीजेपी की राज्य ईकाई ने पीएमओ से संवाद में 8 फरवरी को कोलकाता में होने वाली मेगा रैली के लिए प्रधानमंत्री मोदी का वक्त दिलाने का अनुरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बंगाल में बीजेपी की प्रस्तावित ‘रथयात्रा’को अनुमति नहीं दी थी. कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की ओर से कानून और व्यवस्था की संभावित स्थिति को लेकर जो आशंका जताई थी वो ‘बेबुनियाद’ नहीं थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आशंका देखते हुए बीजेपी से इसे दूर करने के लिए तार्किक ढंग से सभी संभव कदम उठाने के लिए कहा. कोर्ट ने बीजेपी को संशोधित प्लान राज्य सरकार को सौंपने के लिए भी कहा.
भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बीजेपी जनसभाओं का आयोजन कर सकती है. साथ ही इसके लिए उसे राज्य सरकार से सभी आवश्यक मंजूरी लेने के लिए भी कहा. इससे पहले बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट डिविजन बैंच के आदेश को चुनौती दी थी. इस डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को पलट दिया था और पश्चिम बंगाल के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी की ‘गणतंत्र बचाओ’ रथयात्रा को हरी झंडी दिखा दी थी.