
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मैं चाहूं तो कहीं से भी चुनाव लड़ सकती हूं. लेकिन मेरे जीतने से ज्यादा गठबंधन की एक-एक सीट की जीत अहम है.
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस देश में गरीब, मजदूर, किसान, बेरोजगार, मेहनतकश लोग अहंकारी बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए ही यूपी में बसपा, सपा और आरएलडी का गठबंधन किया गया है. मायावती ने कहा कि मैं इस गठबंधन को किसी भी कीमत पर जरा सा भी नुकसान होते हुए नहीं देखना चाहती हूं. इसलिए मेरे खुद के जीतने से ज्यादा जरूरी एक-एक सीट को जीतना है.
माया ने कहा कि अपनी पार्टी के इसी हित को ध्यान में रखते हुए मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया है. मैं कभी भी संसद में चुनकर जा सकती हूं. लेकिन देश के वर्तमान हालात को देखकर अगर चुनाव बाद मौका आएगा तो मैं जिस सीट को चाहूंगी, उसे खाली कराकर वहां से लोकसभा सांसद बन सकती हूं. मुझे कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी.
इसीलिए जनहित और देशहित का यही तकाजा है कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूं. मुझे भरोसा है कि मेरी पार्टी के लोग मेरे इस फैसले का स्वागत करते हुए गठबंधन की एक-एक सीट को जिताने में तन-मन-धन से मेहनत करेंगे. मायावती ने कहा कि मेरे कार्यकर्ता मेरी दूरदर्शिता और चुनाव न लड़ने के फैसले की कुर्बानी का सम्मान पहले की तरह ही करते रहेंगे, ऐसा मुझे भरोसा है.
मायावती 2004 में अकबरपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीतीं थीं. इस जीत के साथ ही वे चौथी बार सांसद बनीं थीं. उसके बाद मायावती राज्यसभा से सांसद बनीं. मायावती पहली बार 1989 में सांसद बनीं. उसके बाद 1994 में राज्यसभा से सांसद बनीं. 1995 में मायावती पहली बार मुख्यमंत्री बनीं. 1998 में मायावती दूसरी बार लोकसभा से लड़ीं और जीतीं. 1999 में तीसरी बार और फिर 2004 में चौथी बार सांसद बनीं.