Advertisement

मायावती का हमला- BJP और कांग्रेस निर्दोष मुस्लिमों पर थोप रही हैं आतंक के आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का यह ट्विट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में बढ़ते बवाल और भारत के खिलाफ नारेबाजी करने वाले 14 छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद आया है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल/ PTI) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल/ PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले ट्वीटर पर सक्रिय हुईं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्विट कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पर आरोप लगाया कि दोनों ही पार्टियों की सरकारें मुसलमानों के खिलाफ एक जैसा काम कर रही हैं.

उन्होंने ट्विट के जरिए यूपी में योगी सरकार और मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों सरकारों में कोई अंतर नहीं है. 2 महीने पहले मध्य प्रदेश में बनी नई कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस की एमपी सरकार ने पूर्ववर्ती बीजेपी की तरह गोहत्या के शक में मुसलमानों पर रासुका के तहत बर्बर कार्रवाई की है. अब यूपी की बीजेपी सरकार ने AMU के 14 छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया. दोनों सरकारी आतंक है व अति-निन्दनीय. लोग फैसला करें कि दोनों सरकारों में क्या अन्तर है?

Advertisement

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का यह ट्विट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में बढ़ते बवाल और भारत के खिलाफ नारेबाजी करने वाले 14 छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद आया है.

वहीं एएमयू में लगातार तनाव बना हुआ है और बढ़ते तनाव को देखते हुए वहां पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. पूरे एएमयू परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इसके साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अगले 24 घंटे में होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.

दूसरी ओर, पिछले दिनों मध्य प्रदेश के खंडवा जिले खरखाली गांव में गोहत्या मामले में 3 आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था. राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद गोहत्या पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत यह पहली कार्रवाई है. राज्य सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement