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चुनाव आयुक्त ने कहा, बिल्कुल सही वक्त पर होंगे आम चुनाव

बैठक में विपक्षी दलों ने चुनाव आयुक्त से मांग उठाई कि सत्तारूढ़ दल की ओर से जाति, मजहब और संप्रदाय को निशाना बनाकर दिए जाने वाले भाषणों पर रोक लगनी चाहिए.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (फोटो-बिजनेस टुडे) मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (फोटो-बिजनेस टुडे)
नीलांशु शुक्ला
  • लखनऊ,
  • 01 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

लखनऊ में भावी आम चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की दो दिन की बैठक चली. इस तैयारी को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने लगभग सभी पार्टी के नेताओं से खास बातचीत की. साथ ही उत्तर प्रदेश के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक चली.

चुनाव आयुक्त अरोड़ा के मुताबिक बैठक में सभी दलों के नेताओं ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी, कुछ मुद्दों पर चिंता भी जाहिर की गई. विपक्षी दलों ने मांग उठाई कि सत्तारूढ़ दल की ओर से जाति, मजहब और संप्रदाय को निशाना बनाकर दिए जाने वाले भाषणों पर रोक लगनी चाहिए. चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए बांटे जाने वाले कैश और तोहफों पर भी चुनाव आयोग की पैनी नजर होनी चाहिए.

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बैठक में कुछ पार्टियों ने चुनाव आयोग से मांग उठाई कि वोटिंग से पहले मतदाता सूची को आधार से जोड़ा जाना जरूरी है. सभी पार्टियों ने एकसुर में कहा कि चुनाव प्रचार का खर्च भी तय किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर भी गंभीरता से विचार हुआ कि वीवीपैट मशीनों के लिए मतदान का समय 1 घंटे तक बढ़ाने के बारे में सोचा जाना चाहिए.

इस गहन बैठक में चुनाव आयुक्त ने सभी पार्टियों और पक्षों की राय सुनी और उसे अमली जामा पहनाने का आश्वासन दिया. मतदाताओं की सहूलियत को देखते हुए चुनाव आयोग ने 1950 हेल्पलाइन शुरू की है. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर वीवीपैट मशीनें लगाए जाने का फैसला किया गया है.

चुनाव आयोग फॉर्म 26 में उम्मीदवारों से 5 साल का हिसाब मांगेगा जिसमें उनकी आमदनी और देश के भीतर-बाहर की प्रॉपर्टी की जानकारी देनी होगी. देश में पिछले दो दशक से मतदान के लिए ईवीएम का उपयोग हो रहा है. चुनाव आयोग ने वैसे लोगों को निशाने पर लिया जो लोग ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाते हैं. आयोग ने कहा कि ईवीएम को लोगों ने फुटबॉल बना दिया है, अगर फलां जीत जाए तो सबठीक और हार जाए तो खराब लेकिन आयोग ने स्पष्ट कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है.

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चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि ईवीएम को लेकर लगभग सभी पार्टियों को आश्वस्त किया गया है. आगे बूथ स्तर पर लोगों को जागरूक किए जाने के लिए अभियान चलाए जाने की तैयारी है. देश में बिना किसी देरी के आम चुनाव बिल्कुल नियत समय पर संपन्न कराए जाएंगे.

एक दिन पहले गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने अगले महीने से तीन फेज में चुनावी बांड की बिक्री का ऐलान किया. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को मार्च, अप्रैल और मई में चुनावी बांड की बिक्री के लिए निर्धारित किया गया है. बयान में मंत्रालय ने कहा, "एसबीआई को उसकी 29 अधिकृत ब्रांच के जरिए मार्च, अप्रैल और मई में चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है." चुनावी बांड की बिक्री 1-15 मार्च, 1-20 अप्रैल और 6-15 मई के दौरान होगी.

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