
हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. अनिल शर्मा ने अपना त्यागपत्र प्रदेश की बीजेपी सरकार से त्यागपत्र दे दिया. बेटे आश्रय शर्मा को मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी का टिकट मिलने से वह कई दिनों से धर्मसंकट में फंसे हुए थे. वह ना तो अपने बेटे का खुलकर साथ दे पा रहे थे और ना ही बीजेपी का. इससे मामले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अनिल शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा था.
सीएम ठाकुर ने रविवार को अनिल शर्मा से पूछा था कि वह मंडी में किसके लिए प्रचार करेंगे, अपने बेटे या बीजेपी उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के लिए? साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अनिल शर्मा अपने पुत्र के लिए प्रचार करते हैं तो उन्हें अपना कैबिनेट पद और हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता गंवानी होगी. इसके बाद शुक्रवार को अनिल शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
क्या है मामला?
दरअसल, कुछ ही दिन पहले कांग्रेस ने अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा को मंडी से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. अनिल शर्मा पर उनकी अपनी पार्टी का दवाब था क्योंकि उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुख राम ने आश्रय शर्मा के साथ बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. अनिल शर्मा ने उनके बेटे के खिलाफ मंडी से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया था और इस मुद्दे पर मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी.
मंत्री पद त्यागा, BJP नहीं छोड़ी
अनिल शर्मा ने कहा है कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वह बीजेपी में बने हुए हैं. अनिल शर्मा मंडी लोकसभा क्षेत्र के मंडी से विधायक हैं और पार्टी चाहती थी कि वह लोकसभा प्रत्याशी राम स्वरूप शर्मा के पक्ष में प्रचार करें. शर्मा ने कहा कि वह अपने आपको मंडी से दूर रखेंगे और ना तो वह बेटे के पक्ष में और ना ही बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे.
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