
उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी आधिकारिक तौर पर संभालने से पहले ही हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एक्शन में आ गई हैं. अमेरिका से अपनी बेटी का इलाज कराकर सोमवार रात देश लौटीं प्रियंका ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए 'पर्सनल टच' की योजना तैयार की है. दिल्ली लौटने पर प्रियंका अपने भाई और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने उनके घर गईं. इसके बाद उन्होंने वेस्ट यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की थी.
अपनी 'पर्सनल टच' योजना के तहत प्रियंका के स्टाफ ने पूर्वी यूपी के सभी जिलाध्यक्षों से पार्टी के 15 अहम नेताओं और कार्यकर्ताओं की डिटेल मांगी है. हर जिलाध्यक्ष से उनके इलाके के 15 महत्वपूर्ण नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम, नंबर, पता और मेल आईडी मांगी गई है. इन लोगों से प्रियंका गांधी जल्दी ही इन सभी के साथ व्यक्तिगत तौर पर संपर्क में रहेंगी.
इस बीच लोकसभा चुनाव की तैयारी का जायजा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 7 फरवरी को पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक बुलाई है. महासचिव बनने के बाद प्रियंका भी इस बैठक में शामिल होंगी. महासचिवों के साथ बैठक के बाद राहुल ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की 9 फरवरी को बैठक बुलाई है जिसमें पार्टी की तैयारियों को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
दरअसल, प्रियंका का मानना है कि लंबे अरसे से यूपी की सियासत में हाशिये पर आ गई कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने के लिए सबसे पहले कार्यकर्ताओं को मजबूत करना होगा और उनको आलाकमान के करीब होने का भरोसा देना होगा. इसी लिहाज से प्रियंका ने यह एक्सरसाइज शुरू की है.
जल्दी ही प्रियंका पूरा ब्यौरा लेने के बाद इन सभी के संपर्क में होंगी. दिल्ली में 7 फरवरी को कार्यभार संभालने के बाद प्रियंका यूपी के दौरे पर लखनऊ जाएंगी तो जिलाध्यक्षों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं से मुलाकात के साथ ही इन लोगों से भी व्यक्तिगत मुलाकात करेंगी.
राहुल गांधी ने राज्य में पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो प्रभारी महासचिव नियुक्त किए हैं, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार प्रियंका गांधी और पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया गया है. आखिर प्रियंका को अपना तुरुप का इक्का मानकर राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के सामने पूर्वी यूपी के चुनावी रण में उतारा है और प्रियंका भी जानती हैं कि चुनौती बड़ी है. इसीलिए 2019 के समर में उतरने से पहले वो अपनी हर रणनीति पर फूंक-फूंक कर अमली जामा पहना रही हैं.