
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शनिवार देर रात आठवीं लिस्ट में 38 उम्मीदवारों के नाम जारी किए जिसमें भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह का टिकट फाइनल कर दिया गया है. लंबे समय से इस बात की चर्चा चल रही थी कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, राजगढ़ छोड़कर भोपाल से चुनाव लड़ें. शनिवार देर रात को इस बात पर मुहर लग गई है. इससे पहले दिग्विजय 2003 में मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव मैदान में उतरे थे.
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करने के कुछ ही घंटे बाद दिग्विजय ने शनिवार को कहा था कि वैसे तो मेरी पहली प्राथमिकता राजगढ़ लोकसभा सीट है, लेकिन उसके बावजूद पार्टी जहां से भी लड़ाना चाहेगी, मैं वहां से चुनाव लडूंगा.
राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने इंदौर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि वैसे तो 2020 तक मेरा राज्यसभा का टाइम है, लेकिन फिर भी पार्टी चाहती है कि मैं लोकसभा में जाऊं. वैसे तो मेरी पहली प्राथमिकता राजगढ़ संसदीय सीट सही है, जहां का मैं वोटर भी हूं लेकिन उसके बावजूद मैंने पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा है कि जहां से पार्टी लड़ाना चाहेगी, मैं वहां से चुनाव लड़ लूंगा.
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि जहां से कांग्रेस अध्यक्ष कहेंगे वहां से (लोकसभा चुनाव) लड़ लूंगा, लेकिन लड़ूंगा जरूर. दिग्विजय ने कहा कि मैंने जीवन में हमेशा चुनौतियों को स्वीकार किया है और चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत में शुमार है. इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
गौरतलब है किमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान देते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह को कठिन सीटों में से किसी एक पर चुनाव लड़ना चाहिए जिनमें से भोपाल भी एक थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस बात का समर्थन किया था. इस पर ट्वीट करते हुए कमलनाथ के बयान पर दिग्विजय सिंह ने अपना जवाब दिया. दिग्विजय ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट में उन्होंने कमलनाथ का धन्यवाद कहा और लिखा 'धन्यवाद कमल नाथ जी को जिन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया.
उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं'. हालांकि इसके बाद के ट्वीट में दिग्विजय ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि चुनौती को स्वीकार करना उनकी आदत है. दिग्विजय ने लिखा कि 'मैं राघोगढ़ की जनता की कृपा से 77 की जनता पार्टी लहर में भी लड़कर जीतकर आया था. चुनौतीयों को स्वीकार करना मेरी आदत है. जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूं. नर्मदे हर'.
इस दूसरे ट्वीट को कटाक्ष इसलिए कहा गया क्योंकि माना जा रहा है कि सबसे कठिन सीटों पर चुनाव लड़ने की सलाह देकर कमलनाथ ने दिग्विजय के सामने बड़ी चुनौती रख दी थी लेकिन दिग्विजय ने बड़ी ही शालीनता से इसका जवाब दे दिया. अपको बता दें कि दिग्विजय सिंह के राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी क्योंकि उसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है लेकिन 2014 की मोदी लहर में यहां कमल खिला था. खुद दिग्विजय सिंह यहां से चुनाव जीत चुके हैं लेकिन कमलनाथ चाहते हैं कि दिग्विजय सिंह उस सीट से चुनाव लड़ें जहां कांग्रेस लंबे अरसे से नहीं जीत पाई है.