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UP में नए अध्यक्ष पर राहुल-प्रियंका की राय जुदा, राज बब्बर का पद बचा

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रभारी प्रियंका गांधी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. यही वजह है कि यूपी कांग्रेस के 80 फीसदी कार्यकर्ताओं को नापसंद होते हुए भी राज बब्बर प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (फोटो-फाइल) राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (फोटो-फाइल)
कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रभारी प्रियंका गांधी के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. यही वजह है कि यूपी कांग्रेस के 80 फीसदी कार्यकर्ताओं को नापसंद होते हुए भी राज बब्बर प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि सूबे में पार्टी की कमान ऐसे शख्स को सौंपी जाए जो प्रदेश के गांव से लेकर ब्लॉक और जिले तक के जमीनी कार्यकर्ताओं से वाकिफ हो तथा जातीय और राजनीतिक समीकरण में भी फिट बैठता हो.

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यूपी में पिछले तीन दशक से वेंटिलेटर पर पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने के लिए पार्टी आलाकमान ने प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रभारी बनाकर भेजा है. दोनों नेताओं ने सूबे के सियासी मिजाज और संगठन की नब्ज को समझने के लिए पिछले दिनों चार दिन लखनऊ में रुककर एक-एक लोकसभा सीट के पार्टी कार्यकर्ता से बातचीत की.

सूत्रों की मानें तो प्रियंका और ज्योतिरादित्य से मुलाकात और बातचीत में कांग्रेस के 80 फीसदी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को बदलने के पक्ष में अपनी राय रखी.  इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि राज बब्बर बेहतर चुनाव प्रचारक और भीड़ जुटाऊ नेता हो सकते हैं,  लेकिन सूबे के संगठन के मुखिया के तौर पर वे सक्षम व्यक्ति नहीं हैं.

इसके बाद तय हुआ कि सूबे में पार्टी की कमान किसी ब्राह्मण समुदाय के नेता के हाथों में सौंपी जाए. ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर सभी सहमत थे. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने युवा चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद और ललितेशपति त्रिपाठी में किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए नाम सुझाया. जबकि प्रियंका गांधी ने प्रमोद तिवारी को बनाने के पक्ष में अपनी बात रखी.

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प्रियंका गांधी का तर्क था कि समूचे प्रदेश के लिहाज से प्रमोद तिवारी ही सबसे बेहतर रहेंगे. जबकि जितिन प्रसाद और ललितेश त्रिपाठी अभी पूरे सूबे के लिए फिट नहीं बैठते हैं, उनका जनाधार महज एक सीमित क्षेत्र तक है. इसके अलावा प्रियंका ने ये भी बात रखी कि प्रमोद तिवारी के सपा-बसपा से भी बेहतर रिश्ते हैं. ऐसे में सपा-बसपा के साथ गठबंधन में भी वो अहम भूमिका अदा कर सकते हैं.

लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रमोद तिवारी के नाम पर सहमत नहीं हैं. इसीलिए कार्यकर्ताओं के फीडबैक के बावजूद राहुल राज बब्बर की जगह दूसरे को अध्यक्ष नहीं बना सके हैं. इसी के चलते अभी तक राज बब्बर की प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी बरकरार है.

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