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दिल्ली में अगर कांग्रेस ना होती तो ना अस्पताल होते, ना ही मेट्रो: शीला दीक्षित

कांग्रेसी शासन के राज को याद करते हुए शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में यदि कांग्रेस ना होती तो ना अस्पताल होते और ना ही मेट्रो होती. वहीं आम आदमी पार्टी से गठबंधन के कयासों के बीच दिल्ली कांग्रेस के कई नेता इस बात के लिए तैयार दिखे कि यदि गठबंधन होता है तो वह लोग साझा उम्मीदवार के लिए मेहनत करने के लिए तैयार हैं.

शीला दीक्षित ने रैली को किया संबोधित (फोटो-aajtak.in) शीला दीक्षित ने रैली को किया संबोधित (फोटो-aajtak.in)
मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी कमर कसती नजर आ रही है. राजधानी दिल्ली के बदरपुर इलाके में रविवार को कांग्रेस ने बड़ी रैली का आयोजन किया. इस रैली में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको समेत पार्टी के कई नेता शामिल हुए.

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की खबरों के बीच कांग्रेस पार्टी अकेले दम पर दिल्ली में चुनावी रैली करके अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. दिल्ली के बाबरपुर में भारी संख्या में शामिल लोगों को देखकर दिल्ली कांग्रेस के नेता गदगद नजर आएं. इस दौरान शीला दीक्षित ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी से किसी भी तरह के गठबंधन की बात से इनकार किया.

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राज्य में15 साल के कांग्रेसी शासन के राज को याद करते हुए शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में यदि कांग्रेस ना होती तो ना अस्पताल होते और ना ही मेट्रो होती. वहीं आम आदमी पार्टी से गठबंधन के कयासों के बीच दिल्ली कांग्रेस के कई नेता इस बात के लिए तैयार दिखे कि यदि गठबंधन होता है तो वह लोग साझा उम्मीदवार के लिए मेहनत करने के लिए तैयार हैं.

बाबरपुर जिलाध्यक्ष कैलाश जैन ने साफ इशारा किया कि आलाकमान गठबंधन करेगा तो बतौर कार्यकर्ता वे लोग मेहनत करेंगे. कैलाश जैन ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार हैं. वह किसी भी हालत में मोदी सरकार को केंद्र से हटाने के लिए संकल्प ले चुके हैं.

कांग्रेस और आप दोनों ही पार्टियां अपनी ताकत का हवाला देते हुए अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं, तो वहीं कहीं ना कहीं पर्दे के पीछे से गुपचुप बातचीत के कयास लग रहे हैं. हालांकि एक तरफ जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत का ज़िक्र करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ शीला दीक्षित ने इसके ठीक उलट जवाब देती हैं. शीला दीक्षित पहले भी कह चुकी हैं कि अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन के लिए मुझसे कभी कोई बात नहीं की.

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