
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अलग-अलग पार्टियों और उनके नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की लगातार शिकायतें आ रही हैं. सीपीएम ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी लिखकर आयोग से 3 शिकायतें की हैं. सीपीआईएम ने चुनाव आयोग से शिकायत में कहा कि दूरदर्शन न्यूज ने ट्विटर पर पोस्ट किया था कि प्रधानमंत्री मोदी का 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन देखें. बसु ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि डीडी न्यूज़ द्वारा इस तरह की पोस्ट सीधे-सीधे चुनावी आदर्श आचार संहिता के दौरान सरकारी संचार माध्यमों का गलत इस्तेमाल है और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे गए शिकायत पत्र में बसु ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में रैली के दौरान भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' कहकर संबोधित किया. यह न सिर्फ आदर्श आचार संहिता के खिलाफ है बल्कि पूर्व में चुनाव आयोग द्वारा सभी पार्टियों को दिए गए निर्देश का भी सीधा उल्लंघन है.
वहीं चिट्ठी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने बयानों से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं. नीलोत्पल बसु ने कहा, 'सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वर्धा में भाषण के दौरान समझौता बम धमाके के मामले में राहत पाए अभियुक्तों को पूरे हिंदू समाज के नुमाइंदा के तौर पर पेश किया. यहा सीधा सांप्रदायिक लांछन है और यह भी साफ है यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का पूरा प्रयास है'.
पीएम मोदी के बयान को लेफ्ट पार्टी ने न सिर्फ आचार संहिता का उल्लंघन बताया है बल्कि उसने बीजेपी और प्रधानमंत्री की ओर से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास का भी आरोप लगाया है.
सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर निष्पक्ष पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए इन बयानों को खतरा बताते हुए इस मामले में समुचित कार्रवाई की मांग की है. बसु ने मांग की है कि आयोग शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए इस पर सही कदम उठाए.
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