
देश की सियासत में ईवीएम पर संग्राम के बाद अब दिल्ली की राजनीति में मतदाता सूची पर महासंग्राम देखने को मिल रहा है. आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार वोटरों के नाम सूची से गायब होने का आरोप लगा रहे हैं और इसके वह भारतीय जनता पार्टी की साजिश का हिस्सा बता रहे हैं. इस मुद्दे पर वार-पलटवार के बीच अब बीजेपी ने एक नया सबूत जारी किया है.
बीजेपी के ट्विटर हैंडल (@BJP4India) पर एक रिकॉर्डिंग जारी की गई है. इसमें एक व्यक्ति दूसरे शख्स को आगाह कर रहा है कि दिल्ली में बीजेपी ने वोटरों के नाम कटवा दिए हैं. कॉल करने वाला शख्स बता रहा है कि आपका वोट भी काटा गया है, इस लिए आपको ये कॉल किया गया है.
इस क्लिप में वोट करने की जानकारी देने वाला शख्स यह भी बता रहा कि यह लिस्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निकलवाई है और मैं आम आदमी पार्टी से ही बात कर रहा हूं.
इस क्लिप को जारी करते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यह कॉल हमारे एक शुभचिंतक को किया गया है, और उन्होंने यह रिकॉर्ड की. बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस तरह के फोन कॉल दिल्ली के बाकी वोटरों के पास भी किए जा रहे हैं और उन्हें बरगलाया जा रहा है. बीजेपी ने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल द्वारा उल्लंघन का संज्ञान लेने की मांग की.
केजरीवाल-विजेंद्र गुप्ता में हुई थी ट्विटर वार
हाल में वोटर लिस्ट से नाम गायब होने वाले इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के बीच ट्विटर पर जमकर घमासान हुआ था. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 24 लाख नाम वोटर लिस्ट से गायब हो गए. इस पर बीजेपी नेता और रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने तर्क दिया कि पिछले 10 सालों में 30 लाख नए वोट बने हैं.
विजेंद्र गुप्ता की इस दलील को चुनौती देते हुए अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आपके चुनाव आयोग ने ही हमें 4 साल के अंदर काटे गए 24 लाख लोगों की लिस्ट दी है. इस बार बीजेपी का गंदा खेल पहले ही खुल गया है. इसलिए आप बौखलाए हुए हैं.'
आम आदमी पार्टी लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रही है. ट्विटर और बयानबाजी के बीच अब बीजेपी ने सबूत के तौर पर कॉल रिकॉर्डिंग का एक ऑडियो क्लिप जारी किया है और चुनाव आयोग से इस मसले पर संज्ञान लेने की अपील की है.