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तमिलनाडु की डिंडीगुल लोकसभा सीट पर एआईडीएमके ने शानदार जीत दर्ज की है. डीएमके के वेलुसामी पी ने पीएमके के जोतीमुथु के को 538972 वोटों से हराया. वेलुसामी को 746523 और जोतीमुथु को 207551 वोट मिले.
ये है नतीजे
कब और कितनी हुई वोटिंग
तमिलनाडु की डिंडीगुल लोकसभा सीट के लिए दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान हुए. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 75 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. पूरे प्रदेश में 71.87 प्रतिशत मतदान हुआ.
कितने प्रत्याशी थे मैदान में
डिंडीगुल लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने अरासुर मनोहरण (ए) मनोहरण एस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने वेलुसामी पी, मक्कल निधि मय्यम ने सुधाकरण एस, नाम तमिलर काची ने मंसूर अली खान ए, उलजाईपाली मक्कल काची ने सुरेश के और पट्टाली मक्कल काची ने जोतीमुथु के को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों में अरुणकुमार ए, अनबुरोस डी, अनंतराज टी, इरुदयासामी जी, ईश्वरन आर, उदयकुमार ए, शनमुगाप्रभु के, दिनेश कुमार एम, नागराज एम, पांडी एम, मुरुगेसन एसपी, वेटरीवेल एन, वेमबरासन वी, वेलुसामी पी और ज्योतिमुरुगन पी. शामिल हैं. इस सीट पर कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के सी. महेंद्रन ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 417,092 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर केएमडीके के ई.आर. ईश्वरन थे. उन्हें 276,118 मत मिले थे. ईश्वरन बीजेपी समर्थित प्रत्याशी थे. डीएमके के प्रत्याशी पी. पलानीसामी को 251,829 को वोट से संतोष करना पड़ा था.
सामाजिक ताना-बाना
पोलाची की तरह डिंडीगुल को भी एआईएडीएमके का गढ़ माना जाता है. 1952 से अब तक सबसे ज्यादा छह बार यहां से एआईएडीएमके ने जीत दर्ज की है. 2014 के आम चुनावों में यहां इसी पार्टी ने जीत के झंडे गाड़े थे. डिंडीगुल की खास बात यह है कि यह शहरी सीट है. यहां 61 फीसदी से ज्यादा लोग शहर में रहते हैं. यह सामान्य सीट है. पोलाची सीट से मौजूदा सांसद एआईएडीएमके के सी. महेंद्रन हैं. वे पहली बार सांसद बने हैं.
सीट का इतिहास
पुराने जमाने में पांडयन, चोल और पल्लव और बाद के वर्षों में विजयनगर साम्राज्य का हिस्सा रहे इस शहर के हर कोने में आपको इतिहास दिख जाएगा. लेकिन आधुनिक डिंडीगुल भी किसी मायने में आपको पीछे नहीं दिखेगा. यहां ताले बनाने का काम लंबे समय से हो रहा है, जैसा आपको उत्तर भारत में अलीगढ़ में देखने को मिलता है. चमड़े का सामान यहां बड़े पैमाने पर बनता है. अन्य उद्योगों में कपड़ा बनाना, कृषि से जुड़े धंधे शामिल है.
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