
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिशों को झटका लगा है. केसीआर गैर-भाजपाई, गैर-कांग्रेसी फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं. इसे लेकर उन्होंने सोमवार को डीएमके चीफ एमके स्टालिन से मुलाकात की, लेकिन नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के सहयोगी स्टालिन ने केसीआर से भी कांग्रेस को ही समर्थन देने को कहा. स्टालिन 2 बार प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम की पैरवी कर चुके हैं.
पिछले हफ्ते राव ने अपनी कोशिशों के तहत केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की थी. साथ ही स्टालिन से मिलने का वक्त मांगा था. लेकिन उस वक्त डीएमके चीफ कैंपेन में व्यस्त थे. उनकी पार्टी के नेताओं ने कहा था कि यह स्टालिन का संकेत है कि वह बैठक नहीं करना चाहते.
सोमवार को दोनों नेताओं के बीच बैठक एक घंटे बैठक चली, जिसके बाद राव मीडिया से बिना बातचीत किए ही चले गए. डीएमके के हवाले से सूत्रों ने कहा कि स्टालिन ने फेडरल फ्रंट में शामिल होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि केसीआर कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को समर्थन दें. इसके बाद पार्टी के प्रवक्ता सर्वानन अन्नादुरई ने ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा, आज हुई बैठक में एमके स्टालिन ने तेलंगाना के सीएम केसीआर को समझाया कि वे कांग्रेस गठबंधन को समर्थन दें. 23 मई के बाद राज्य नेता ही हीरो होंगे.
कुछ चुनावी सर्वे संकेत दे रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह जाएगा. ऐसे में सरकार किसकी बनेगी, यह तय करने में क्षेत्रीय पार्टियां किंगमेकर की भूमिका निभा सकती हैं. नवीन पटनायक की बीजेडी, वाईएस जगनमोहन रेड्डी, चंद्रशेखर राव की टीआरएस और सपा-बसपा गठबंधन ने यूपीए और एनडीए दोनों से बराबर दूरी बनाई हुई है. अगर एनडीए कुछ सीटों से पीछे रहता है तो इन पार्टियों की भूमिका पर सबकी नजरें टिकी होंगी.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर