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MOTN: ट्रंप की अगुवाई में मजबूत हुए अमेरिका और भारत के रिश्‍ते

मोदी सरकार में अमेरिका और चीन से भारत के रिश्‍तों में क्‍या बदलाव हुआ है.इसको लेकर जनता का मिजाज कुछ अलग है.

डोनाल्‍ड ट्रंप और पीएम मोदी डोनाल्‍ड ट्रंप और पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 25 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और भारत के रिश्‍तों में दशकों से उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिला है. लेकिन बीते कुछ सालों से दोनों देशों के बीच रिश्‍ते मजबूत हो रहे हैं. वहीं देश की जनता का मानना है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की अगुवाई में भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍तों में सुधार हुआ है. हालांकि 6 महीने पहले तक अमेरिका और भारत के बीच रिश्‍तों को लेकर आम लोगों का जो रुझान था उसमें जरूर गिरावट आई है. ये बातें आजतक और कर्वी इनसाइट्स के साझा सर्वे में सामने आई हैं.

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दरअसल, इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन में भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍तों पर क्‍या असर पड़ा. इस सवाल के जवाब में 40 फीसदी लोगों ने कहा कि दोनों देशों के रिश्‍तों में सुधार हुआ है. वहीं 35 फीसदी लोगों को रिश्‍ते में कोई बदलाव नहीं नजर आ रहा है. 11 फीसदी लोगों को लगता है कि ट्रंप प्रशासन में दोनों देशों के रिश्‍ते बिगड़े हैं. वहीं 14 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब हां या ना में नहीं दिया.    

6 महीने पहले क्‍या थे हालात

अगर 6 महीने पहले के लिहाज से सर्वे को देखें तो अगस्‍त 2018 तक अमेरिका और भारत के बीच रिश्‍तों को लेकर लोगों का रुझान 53 फीसदी था. इस लिहाज से दोनों देशों के रिश्‍ते को लेकर 13 फीसदी लोगों के मूड में बदलाव आया है. इस गिरावट की वजह एच1 बी 1 बीजा मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के कठोर फैसले और ट्रेड सेक्‍शन में बदलाव है. बता दें कि बीते दिनों ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा पॉलिसी को लेकर नया प्रस्‍ताव रखा था. इसके तहत H-1B वीजा चाहने वाली कंपनियों को पहले से अपनी अर्जी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रजिस्‍टर्ड करने की जरूरत होगी. इस प्रस्‍ताव की वजह से भारतीय आईटी कंपनियों और प्रोफेशनल्स की चिंता बढ़ गई है क्‍योंकि भारत के प्रोफेशनल्‍स के बीच  H-1B वीजा फेमस है.  

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1 साल पहले के हालात  

इसी तरह अगस्‍त 2018 में 25 फीसदी लोग मानते थे कि ट्रंप प्रशासन की अगुवाई में अमेरिका और भारत के रिश्‍ते में कोई बदलाव नहीं आया है. जनवरी 2019 की तरह तब भी 11 फीसदी लोग ही मानते थे कि अमेरिका और भारत के रिश्‍तों में कड़वाहट आई है. अगर 1 साल पहले की बात करें तो 54 फीसदी लोगों को लगता था कि मोदी सरकार और ट्रंप प्रशासन के बीच रिश्‍तों में सुधार हुआ है. तो वहीं 27 फीसदी लोग एक समान मानते थे. जबकि तब 10 फीसदी लोग मानते थे कि दोनों देशों के बीच रिश्‍ते बिगड़े हैं.

चीन के साथ भारत के 5 साल में रिश्‍ते 

वहीं सर्वे में भारत और चीन के बीच रिश्‍तों को लेकर भी सवाल पूछा गया. सवाल था कि भारत और चीन के रिश्‍तों में 5 साल में कितना बदलाव हुआ है. इस सवाल के जवाब में  31 फीसदी लोगों ने माना कि सुधार हुआ है तो वहीं 38 फीसदी लोगों को लगता है कि दोनों देश के रिश्‍तों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि 18 फीसदी लोगों का कहना है कि दोनों देशों के रिश्‍ते बिगड़े हैं. इससे पहले अगस्‍त 2018 में 34 फीसदी लोग मान रहे थे कि दोनों देश के बीच रिश्‍ते सुधर रहे हैं. जबकि 23 फीसदी लोगों को लग रहा था कि भारत और चीन के रिश्‍ते बिगड़े हैं.

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1 साल पहले के हालात

1 साल पहले जनवरी 2018 में भारत और चीन के बीच रिश्‍तों को लेकर 42 फीसदी लोग सोचते थे कि सुधार हो रहा है जबकि  19 फीसदी लोगों का मानना था कि दोनों देशों के बीच रिश्‍ते बिगड़े हैं. वहीं 29 फीसदी लोगों का कहना था कि दोनों देशों के रिश्‍ते जस के तस हैं.

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