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कटिहार में दिए बयान पर फंसे नवजोत सिद्धू, चुनाव आयोग ने प्रचार पर लगाई 72 घंटे की रोक

चुनाव आयोग ने पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्दू के प्रचार करने पर 72 घंटे का बैन लगाया है. सिद्धू मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रचार नहीं कर पाएंगे. उनके कटिहार में दिए गए बयान पर आयोग ने एक्शन लिया है.

नवजोत सिंद्धू नवजोत सिंद्धू
सतेंदर चौहान
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 6:42 AM IST

कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के प्रचार करने पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे का बैन लगाया है. सिद्धू अगले 72 घंटे प्रचार नहीं कर पाएंगे. बिहार के कटिहार में जनता को संबोधित करते हुए दिए गए बयान को लेकर सिद्धू पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है. बीजेपी ने सिद्धू के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी. मंगलवार सुबह 10 बजे से चुनाव आयोग की रोक लागू हो जाएगी. इस दौरान सिद्धू न ही किसी रैली को संबोधित कर पाएंगे, न ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और न ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे.

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बता दें कि 16 अप्रैल को बिहार के कटिहार संसदीय क्षेत्र के बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा था कि आप अल्पसंख्यक होकर भी यहां बहुसंख्यक हो. नवजोत सिंह सिद्दू ने कहा था कि आप अगर एकजुटता दिखाएंगे तो उम्मीदवार तारिक अनवर को कोई नहीं हरा सकता.

इस रैली में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था ''यहां जातपात में बांटने की राजनीति हो रही है, मैं अपने मुस्लिम भाइयों को एक ही बात कहने आया हूं, आपका ऐसा क्षेत्र है जहां आप अल्पसंख्यक बनकर नहीं बल्कि बहुसंख्यक बनकर हो. इस क्षेत्र में आपका वर्चस्व 62 फीसदी का है और ये बीजेपी वाले षडयंत्रकारी लोग आपको बांटने का प्रयास करेंगे, आप इकठ्ठे रहे तो कांग्रेस को दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकेगी.'' इस मामले में चुनाव आयोग ने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान की सीडी और बयान की ट्रांसक्रिप्ट भी मांगी थी.

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इसी कड़ी में सोमवार को सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की मुसीबत बढ़ गई है. अब्दुला ने जया प्रदा को अनारकली कहकर तंज कसा था. नेता अब्दुल्ला आजम खान के बयान पर रामपुर निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लिया है. रामपुर निर्वाचन अधिकारी ने अब्दुल्ला आजम खान के विवादास्पद बयान की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी है.

इससे पहले भी नेताओं के धार्मिक और जातीय टिप्पणियों पर चुनाव आयोग सख्ती दिखा चुका है. सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद चुनाव आयोग ने नेताओं की टिप्पणियों पर जरा भी नरमी नहीं दिखाई. भड़काऊ बयानों के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और आजम खान के खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई कर चुका है.

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