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'नमो रथ' पर आचार संहिता का ब्रेक, चुनाव आयोग की हां का इंतजार

भाजपा नेता का दावा है कि नमो रथ का मकसद पैसे कमाना नहीं बल्कि यह एक ऑनलाइन जागरूकता प्रोग्राम है. कोई भी चीज नमो एप से पेमेंट कर ली जा सकती है.

नमो रथ नमो रथ
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

नमो की टी-शर्ट, पेन, छल्ला, बिल्ला, मॉस्क और टोपी. ये सारी चीजें बीजेपी नमो रथ के माध्यम से लोगों तक पहुंचा सकती थी लेकिन चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लगते ही नमो रथ को रोक दिया गया. बीजेपी नेता मनोज गोयल ने बताया कि नमो रथ चलाने कि लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है. उम्मीद है जल्द ही अनुमति मिल जाएगी फिर ये रथ, प्रदेश पार्टी ऑफिस 14, पन्त मार्ग, कनॉट प्लेस समेत अलग-अलग जगहों पर जाएंगे.

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पार्टी सूत्रों का कहना है कि केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 150-200 नमो रथ चलाने की तैयारी है. मोदी की हर रैली में भी नमो रथ को ले जाने का प्लान है. दिल्ली को भाजपा ने 14 भागों में बांटा है और नमो रथ सभी इलाकों में जाएंगे. फिलहाल दिल्ली में 8 नमो रथ चल रहे थे जिन्हें अब रोक दिया गया है.

बीजेपी नेता मनोज गोयल का दावा है कि नमो रथ का मकसद पैसे कमाना नहीं बल्कि यह एक ऑनलाइन जागरूकता प्रोग्राम है. कोई भी चीज नमो एप से पेमेंट कर ली जा सकती है. यह काम डेढ़ साल पहले से ही चल रहा है और अनुमान के मुताबिक इसमें करीब 10-15 करोड़ का माल बिक गया जबकि अकेले दिल्ली में नमो रथ ने एक हफ्ते में करीब 4-5 लाख ऑनलाइन सेल दर्ज की है.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक नमो रथ का रोज का खर्च 8 हज़ार रुपए बैठता है. इस पर बीजेपी के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश ने कहा कि नमो रथ दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अच्छा काम कर रहा है. लोगों में नमो की टी-शर्ट, कैप, मग और सभी प्रोडक्टस का बहुत क्रेज है.

रथ के वाई-फाई से कनेक्ट करने पर लोगों के मोबाइल में नमो एप सबसे पहले पॉप अप होगा. जिनके फोन में नमो एप नहीं है उन्हें  नमो एप डाउनलोड करने का लिंक शेयर किया जाएगा. पार्टी की कोशिश है कि नमो एप के माध्यम से नमो अगेन के प्रोडक्ट (टी-शर्ट, कैप, मग आदि) भी लोगों तक पहुंचाए जाएं.

नमो रथ भाजपा के चुनाव प्रचार का  एक हिस्सा है जो देश के कोने कोनें मे जाकर लोगों से भाजपा के लिए वोट मांगेगा.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 4 मार्च  को दिल्ली पार्टी मुख्यालय से इस रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.अमित शाह  ने कहा था कि इस  मर्चेंनडाइज से इकट्ठा पैसों को नमामि गंगे प्रोजेक्ट में खर्च किया जाएगा.

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान केवल उत्तर प्रदेश में नमो रथ की 401 गाड़ियां सड़कों पर दौड़ी थीं. लोगों को जोड़ने के क्रम में इस रथ पर न केवल समान बिक रहे थे बल्कि मोदी और दूसरे भाजपा नेताओं के भाषण की विडियो क्लिप भी चलाई जा रही थीं. इस बार थोड़ा बदलाव किया गया है लेकिन लक्ष्य विल्कुल स्पष्ट है.

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