
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का 'आजतक' ने अब तक का सबसे अनूठा और अद्भूत इंटरव्यू किया है. अखिलेश यादव ने पांच एंकरों के सवालों पर अपनी बेबाक राय रखी. इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि बीजेपी ये नहीं कह सकती कि मेट्रो वे लेकर आई है. मैंने एक्सप्रेस-वे बनाया, बच्चों को लैपटॉप बांटे. लखनऊ का रिवर फ्रंट अहमदाबाद के रिवर फ्रंट से बेहतर है. मोदी सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि इस बार का अंडर करंट मोदी सरकार को बाहर करने वाला है.
कांग्रेस ने पूरे देश और हमें धोखा दिया
सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने पहली बार खुलकर कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने धोखा दिया.' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने देश को धोखा दिया. हमें धोखा दिया. कांग्रेस ने ही नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के खिलाफ सीबीआई की जांच बैठाई. कांग्रेस ने ही डिंपल के खिलाफ सीबीआई जांच बैठाई. आज जो व्यक्ति पीआईएल करने वाला है वो कांग्रेस पार्टी का है. कांग्रेस पार्टी के इशारे पर ही वो नॉमिनेशन कराने आए थे, और वही पीआईएल करने वाला व्यक्ति बीजेपी से गठबंधन कर रहा है.'
मायावती को पीएम बनाने के सवाल का गोलमोल जवाब
आजतक ने अखिलेश यादव से बसपा प्रमुख मायावती को प्रधानमंत्री बनाने को लेकर भी सवाल पूछा, लेकिन इस सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. सवाल पूछा गया कि अगर आप नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहते हैं तो आप किसे पीएम बनाना चाहते हैं. मुलायम सिंह यादव, मायावती या फिर राहुल गांधी? अखिलेश यादव ने कहा, 'हम उन्हें (मोदी) को पीएम बनने से नहीं रोक रहे हैं. जनता बनाना चाहे तो उन्हें प्रधानमंत्री बनाए, लेकिन वो भी उत्तर प्रदेश आए प्रधानमंत्री बनने के लिए, हमें खुशी होगी. प्रधानमंत्री कहीं से भी कोई भी बन सकता है. लेकिन खुशी इस बात की होगी कि उत्तर प्रदेश से फिर कोई प्रधानमंत्री बने.'
23 मई को बताऊंगा प्रधानमंत्री का नाम
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम बताने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, 'सबको पता है कि मैं किसके साथ खड़ा रहूंगा, यह बात पूरा देश जानता है.' इस सवाल पर कि क्या मुलामय सिंह प्रधानमंत्री बनेंगे तो अखिलेश यादव ने कहा, 'नेता जी नहीं बनना चाहते. मैं प्रधानमंत्री के लिए 23 मई को नाम बताऊंगा. मैं पार्टी की सीटें जीतने के बाद मायावती जी से राय मशविरा करने के बाद इस पर फैसला लूंगा.'
पारिवारिक संघर्ष पर बोले- जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था
2017 में पारिवारिक संघर्ष के बाद क्या बदलाव आया कि वे खुद आगे बढ़कर मायावती से हाथ मिलाते हैं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था जो हुआ. लेकिन आप एक बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. आपके साथ केवल 1 या 2 व्यक्ति नहीं, पूरी पार्टी, पूरा संगठन था. जिस समय वो बातें हुईं, उस समय हमने 5 साल में जो डिलीवर करना था, वो हमने पूरा किया.
डिंपल बोलीं- पारिवारिक संघर्ष के दौरान बहुत कुछ सीखा
इंटरव्यू के दौरान डिंपल से सवाल किया गया कि जब इतना बड़ा पारिवारिक संघर्ष चल रहा था कि एक तरफ आपके ससुर और दूसरी तरफ आपके पति थे. ऐसे में आप ने स्थिति को कैसे संभाला? इस पर डिंपल ने कहा किवो समय मेरे लिए भी कठिन था. हम सभी को उस स्थिति की कोई आशंका नहीं थी. वो हमारे लिए आंखे खोलने वाली घटना थी. हमने उससे बहुत कुछ सीखा.
डिंपल से सवाल किया गया कि आपने उस घटना से सीखा. आप गईं थीं मायावती के पास. आपने उन्हें स्टेज पर सम्मान दिया. आपने उनके पैर छुए. पर वैसी ही प्रतिक्रिया मायावती के भतीजे की तरफ से नहीं आई. क्या आपको लगता है कि यह बेहद छोटी चीज है. इस पर उन्होंने कहा कि हम उससे पहले भी मायावती जी से मिल चुके थे. इसी दौरान बीच में अखिलेश ने कहा कि डिंपल ने मायावती जी का सम्मान इसलिए किया क्योंकि मायावती जी ने उन्हें बहु कहा. अब बहु ने पैर छुए तो आशीर्वाद तो मिलेगा ही. भारतीय संस्कृति में यही है कि बहु पैर छुएगी.
बता दें कि अखिलेश यादव ने पहली बार खुलकर कांग्रेस पर निशाना साधा. जबकि इसके पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि कांग्रेस यूपी में मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. जहां मजबूत नहीं हैं वहां कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी का वोट काटेंगे. इसके बाद महागठबंधन की पार्टियों सपा और बसपा ने प्रियंका गांधी की बातों को खारिज किया था, और पहली बार अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया है.
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