
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों का काउंटडाउन शुरू हो गया है, हर किसी की नज़र अब 23 मई पर टिकी हैं. 23 मई को नतीजों से पहले सामने आए एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है. यानी नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं वो भी बड़ी ताकत के साथ. इन एग्जिट पोल के साथ ही राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि अगर एग्जिट पोल के ये नतीजे सही साबित होते हैं, तो केंद्र में मोदी सरकार की ताकत और भी बढ़ सकती है.
अगर मोदी सरकार केंद्र में एक बड़ी ताकत के साथ वापसी करती है तो भारतीय जनता पार्टी को अपने उन कामों को पूरा करने का मौका मिलेगा, जो काफी लंबे समय से उनके एजेंडे में थे. फिर चाहे वह राम मंदिर निर्माण की बात हो या फिर एक देश एक चुनाव की बात हो, कई ऐसे मुद्दे हैं जो भारतीय जनता पार्टी की ‘वर्क टू डू’ लिस्ट में शामिल हैं.
...तो किन मुद्दों पर बड़ी ताकत के साथ फैसला कर सकती है भाजपा
1. राम मंदिर के लिए जमीन अधिग्रहण
अयोध्या में विवादित जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 से ही आंदोलन जारी है. बीजेपी हर बार संविधान के अनुसार मंदिर निर्माण की बात करती है तो वहीं उनके समर्थकों के द्वारा दबाव बनाया जाता रहा है. अब अगर केंद्र में बीजेपी एक बड़ी ताकत के साथ आती है तो बतौर केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर विवादित भूमि के आसपास की जमीन को अधिग्रहित करने का बड़ा फैसला लिया जा सकता है या इसकी ओर कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है.
2. धारा 370 पर फैसला
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी आक्रामक रही है. हर बार वह इसे हटाने की बात करती रही है, अमित शाह ने भी पूरे प्रचार में इस मुद्दे को उठाया है. अब अगर बीजेपी के हाथ में प्रचंड बहुमत वाली सत्ता हो और इस मुद्दे पर कदम बढ़ाए जाते हैं तो हैरानी वाली बात नहीं होगी. धारा 370 के तहत J-K को एक विशेष राज्य का अधिकार मिलता है, जिसके तहत वहां घाटी से अलग का कोई व्यक्ति ज़मीन नहीं खरीद सकता है.
3. हट सकती है अनुच्छेद 35A!
धारा 370 की तरह ही अनुच्छेद 35A भी जम्मू-कश्मीर से जुड़ा बड़ा मुद्दा है, जिस पर आरपार की लड़ाई होती रही है. अनुच्छेद 35A भी धारा 370 का ही एक हिस्सा ही है, जो कश्मीर को विशेष अधिकार देता है. वहां की क्षेत्रीय पार्टियां PDP-NC इसको हटाने के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं. इसको लेकर अभी सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामला चल रहा है.
4. एक देश एक चुनाव की ओर बढ़ सकते हैं कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में एक साथ एक चुनाव यानी लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में हों काफी समय से रहा है. वह इसको लेकर राज्यों से बात भी करते आए हैं, लेकिन बात नहीं बन सकी. अब अगर जब पूर्णत: रूप से सत्ता बीजेपी के हाथ में होगी, तो नरेंद्र मोदी का ये एजेंडा पूरा हो सकता है.
5. तीन तलाक बिल पर फैसला संभव
मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने की बात कर बीजेपी ने संसद में तीन तलाक बिल पेश किया. जिसमें अपनी पत्नियों को तीन तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई हैं. बीजेपी इस बिल को लोकसभा-राज्यसभा में ला चुकी है लेकिन विपक्ष ने हर बार अड़ंगा लगाया है.
6. NRC के मुद्दे पर बीजेपी को मिली ताकत
पूर्वोत्तर में NRC का मुद्दा इस बार के चुनाव में छाया रहा है. असम-अरुणाचल में जिस तरह से विरोध के बावजूद बीजेपी इस मुद्दे पर आगे बढ़ी उससे वह विपक्ष पर हमलावर है. बीजेपी ने NRC को पूरे देश में लागू करने का वादा किया है, ऐसे में एग्जिट पोल के नतीजे अगर सच साबित हुए तो नई केंद्र सरकार इसे हकीकत में तब्दील कर सकती है.
7. समान नागरिक कानून
हर नागरिक के लिए एक ही कानून का मुद्दा बीजेपी काफी समय से उठाती रही है. यानी किसी भी धार्मिक कानून की जगह सिर्फ संविधान का कानून चलेगा. इसके तहत हर परिवार में दो बच्चे, शादी, संपत्ति के अधिकार नियमित किए जा सकते हैं. एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी इस ओर कदम बढ़ा सकती है.
8. सवर्ण आरक्षण पर बढ़ सकता है दायरा
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण दिया. अगर फिर एक बार मोदी सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आती है तो सरकार इस दायरे को बढ़ाने की ओर कदम उठा सकती है. आर्थिक आधार पर आरक्षण बीजेपी और RSS के एजेंडे में लंबे समय से रहा है.
9. पाकिस्तान/आतंकवाद पर आर या पार
282 सीटों के दम पर ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया. फिर चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर एयरस्ट्राइक हो. एग्जिट पोल के मुताबिक, अगर बीजेपी दोबारा सत्ता में आती है तो पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले लेने को तरजीह मिल सकती है.
10. नोटबंदी/जीएसटी जैसा बड़ा कदम
पिछली सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े कदम उठाए जिससे हर कोई हैरान रह गया था. विपक्ष ने इन फैसलों की निंदा की लेकिन मोदी सरकार पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ी. नरेंद्र मोदी अभी भी बेनामी संपत्ति समेत कई ऐसे मुद्दों को उठाते रहे हैं जो पूर्ण बहुमत वाली सरकार के लिए अगले कार्यकाल मुद्दा बन सकते हैं.
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