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फैजाबाद सीट: राम की नगरी में बीजेपी का वर्चस्व बरकरार रखने की चुनौती

अयोध्या में राममंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के चलते फैजाबाद लोकसभा सीट राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मौजूदा समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.

अयोध्या का प्रतीकात्मक फोटो अयोध्या का प्रतीकात्मक फोटो
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

उत्तर प्रदेश की फैजाबाद लोकसभा सीट पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की निगाह है. अयोध्या में राममंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के चलते फैजाबाद लोकसभा सीट राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मौजूदा समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी के लिए इस सीट पर वापसी करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

फैजाबाद लोकसभा सीट 1957 में वजूद में आई, इसके बाद से अब तक 15 बार चुनाव हुए हैं. इस सीट पर कांग्रेस 7 बार जीत चुकी है. जबकि बीजेपी चार बार और सपा-बसपा-सीपीआईएम- भारतीय लोकदल एक-एक बार जीत दर्ज कर चुकी हैं.

पहलीबार 1957 में इस सीट पर पहली बार आम चुनाव हुए और राजा राम मिश्र यहां से सांसद चुने गए. इसके बाद कांग्रेस 1971 तक लगातार चार बार जीत दर्ज की. कांग्रेस के विजय रथ को रोका भारतीय लोकदल के अंतराम जयसवाल ने 1977 में रोका और यहां से जीतकर वो सांसद बने.

इसके बाद 1980 और 1984 दोनों ही चुनावों में कांग्रेस का ही बोलबाला रहा, लेकिन1989 में कम्युनिस्ट पार्टी के मित्र सेन ने इस सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बने. बीजेपी का पहली बार खाता 1991 में खुला और विनय कटियार ने यहां से सांसद चुने गए. इसके बाद 1996 में भी विनय कटियार यहां से सांसद चुने गए थे लेकिन 1998 के चुनावों में सपा के हाथों विनय कटियार को हार का सामना करना पड़ा.

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हालांकि 1999 में वो एक बार फिर चुनाव जीतने में सफल रहे. 2004 में बसपा से मित्रसेन यादव जीते. इसके बाद 2009 में कांग्रेस से निर्मल खत्री उतरे और सासंद चुने गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लल्लू सिंह उतारा और सासंद पहुंचने में सफल रहे.

सामाजिक ताना-बाना

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में उतरप्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं दरियाबाद, बीकापुर, रुदौली, अयोध्या और मिल्कीपुर, जिसमें मिल्कीपुर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.  84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 14 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लल्लू सिंह ने जीत हासिल कर संसद में पहुंचने में कामयाब रहे. लल्लू सिंह ने सपा के मित्रसेन यादव को 2 लाख 82 हजार 775 वोटों से मात थी.

बीजेपी के लल्लू सिंह को 4,91,761 वोट मिले    

सपा के मित्रसेन यादव को 2,08,986 वोट मिले

बसपा के जितेंद्र सिंह बब्लू को 1,41,827 वोट मिले

कांग्रेस के निर्मल खत्री को 1,29,917 वोट मिले

रिपोर्ट कार्ड

फैजाबाद सीच से बीजेपी से जीते सांसद लल्लू सिंह संसाधन सम्बन्धी मामलों की स्थाई समिति के सदस्य हैं. पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा के सदन में उनकी उपस्थिति 93 फीसदी रही. सदन की कार्रवाई में 21 चर्चाओं में भाग लिया और 267 सवाल उठाए.

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